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टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ वनडे ट्राइसीरीज में रोटेशन पॉलिसी अपना रही है। पहले तीन वनडे मुकाबलों में टीम ने तीन सलामी बल्लेबाजी के कॉम्बिनेशन अपनाए हैं। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का कहना है कि यह रणनीति सीनियर खिलाड़ियों को आराम देने व युवाओं को मौका देने के लिए बनायी गई है। लेकिन धोनी इन सबके बीच शायद यह भूल गए हैं कि इरफान पठान और मनोज तिवारी भी टीम में युवा हैं और इन्हें अबतक मौका नहीं मिला है।
भारतीय टीम की नई रोटेशन पॉलिसी को दिग्गजों ने आड़े हाथों लिया है। पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री और टोनी ग्रेग तक इसकी आलोचना कर चुके हैं। एडेलिड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे से पहले गावस्कर ने धोनी को सलाह दी थी कि वो सचिन तेंडुलकर को आराम ना दें। लेकिन धोनी ने इसके बावजूद सचिन को एडिलेड में नहीं खेलाया।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ सीरीज के पहले वनडे में धोनी ने वीरेंद्र सहवाग को बाहर बैठाया था। इस फैसले की भी बहुत आलोचना हुई थी। श्रीलंका के खिलाफ गौतम गंभीर नहीं खेले और एडिलेड में सचिन को बाहर बैठाया गया। कप्तान धोनी ने सीनियर खिलाड़ियों को बारी-बारी से मौका देने का फैसला किया है। लेकिन इस के बीच धोनी यह भूल गए हैं कि टीम में इरफान पठान और मनोज तिवारी जैसे इन-फॉर्म खिलाड़ी भी मौजूद हैं। यह खिलाड़ी 5 तारीख से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। जबकि सुरेश रैना औसत से कम प्रदर्शन के बाद भी एकादश में बरकरार हैं।
एकादश में इरफान को ना लेना बार-बार सवाल खड़े कर रहा है। इरफान ने लगभग तीन साल के अंतराल के बाद वेस्ट इंडीज के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज से टीम में वापसी की थी। लेकिन उन्हें उस श्रृंखला में सिर्फ एक वनडे में मौका दिया गया। हमें हरफनमौला खिलाड़ियों को शामिल करने पर विचार करना चाहिए। एक टीम के लिए यह हमेशा फायदेमंद रहता है कि उसका गेंदबाज अच्छी बल्लेबाजी कर सके। साथ में यदि वो बेहतरीन फील्डर हो तो सोने पर सुहागा। इसलिए टीम को इरफान पठान को अगले में जरूर खिलाना चाहिए यह बात क्रिकेट प्रशंसकों को अच्छी नहीं लग रही है। यानि वे लगातार तीन रणजी मुकाबलों की एक पारी में 5-5 विकेट लेने में कामयाब रहे। वे अभी पूरी तरह लय में दिख रहे हैं। ऐसे में चयनकर्ताओं को इस बात की ओर ध्यान देना चाहिए।लगातार गेंदबाजी में जलवा दिखा रहे इरफान पठान यह चयनकर्ताओं को बता रहे हैं कि वे फॉर्म में आ चुके हैं। उनके ऊपर ध्यान दिया जाए। अब तो भारत की आवाज भी उनके समर्थन में आ चुकी है। इतने अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भी उन्हें कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है। आखिर इरफान अब ऐसा क्या करें, जिससे उनका टीम इंडिया में चयन हो जाए?
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