Menu
blogid : 8865 postid : 64

नीतीश राजनीति चमकाना चाहते हैं विकास के लिए चिंतित हैं?

SYED ASIFIMAM KAKVI
SYED ASIFIMAM KAKVI
  • 91 Posts
  • 43 Comments

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इनदिनों छवि के संकट से गुजर रहे हैं। हाल के महीनों में उनके राज्य में घटनाओं की पूरी फेहरिस्त इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि उनकी छवि और इकबाल अब वैसी नहीं रहा, जैसा पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने पर था। नीतीश लंबे समय से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। इसी सिलसिले में 4 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में अधिकार रैली बुलायी गई है। बहुत सारे लोग इस रैली को बिहार के ‘स्वाभिमान’ से जोड़कर देख रहे हैं तो कई मानते हैं कि यह पॉलिटिकल स्टंट है।
कई जानकार यह भी मान रहे हैं कि जब नीतीश कुमार ने इस रैली की कल्पना की थी, तब उनके दिमाग में यह बात चल रही थी कि इस रैली के जरिए वे अगले आम चुनावों के मद्देनजर प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश करेंगे। लेकिन हाल के महीनों में कई जगहों पर उनके विरोध के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या इस रैली के जरिए नीतीश अपनी राजनीतिक ज़मीन बचाने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं।
कहना मुश्किल है कि ‘अधिकार रैली’ से ‘बिहारी स्वाभिमान’ को कितना खाद पानी मिलेगा या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने की राह कितनी आसान होगी। फिलहाल, रैली में होने वाले खर्च का हिसाब लगाया जाए तो आम आदमी की आंखें फटी रह जाएंगी। रैली से जुड़े लोगों से बातचीत के आधार पर खर्चे का हिसाब लगाने की कोशिश की गई है। यह खर्च अनुमान पर आधारित है। 52 करोड़ खर्च कर खुद का या बिहार का भला करेंगे नीतीश? खाने पर 10 करोड़ ,ट्रांसपोर्टेशन पर 35 करोड़ , पंडाल पर दो करोड़ ,पोस्टर-बैनर पर पांच करोड़ ,नीतीश के धुर विरोधी और राजद सांसद रामकृपाल यादव ने आरोप लगाया है कि अधिकार रैली पर चार सौ करोड़ के खर्च किया जा रहा है। उनका कहना है कि इस पैसे की भरपाई के लिए व्यापारियों, कान्ट्रैक्टर, इंजीनियर सहित अन्य लोगों बड़े पैमाने पर वसूली हो रही है। जेल में बंद मुन्ना शुक्ला ने सात करोड़ की रंगदारी इसी अधिकार रैली के लिए मांगी थी। उन्होंने कहा कि रैली के नाम पर पूरे राज्य में लूट मची हुई है।
आपकी राय ……सवाल है कि ऐसी रैली कर नीतीश अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं या वे सच में बिहार के विकास के लिए चिंतित हैं?

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply