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मौसम के हालात

SYED ASIFIMAM KAKVI
SYED ASIFIMAM KAKVI
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मौसम के हालात किस कदर बदतर होते जा रहे हैं कि अकेले बिहार में प्रचंड गर्मी (लू) से मरने वालों की संख्या दोहरे-तिहरे शतक के पार चली गयी है।गया जिले में भीषण गर्मी के कारण धारा 144 लगा दी गयी है,सुबह 11:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक कोई सार्वजनिक कार्यक्रम और निर्माण पर निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है।ऐसा सम्भवतः भारत में पहली बार हुआ है जब सूर्य देव के कारण कहीं धारा 144 लगाई गई है।इसके दोषी हम सब के साथ सरकार की वो नीतियां हैं जो उद्योगपतियों को जंगल काटने की बड़ी आसानी से अनुमति दे देती हैं।और आम जनता से पेड़ लगाने की अपील करती है।कभी आपने देखा है कि उद्योगपतियों से उसने पेड़ लगवाये हों जितने की उद्योग के नाम पर काटने की अनुमति दी हो ? सरकार ac के दाम घटा रही है,क्या इससे गर्मी कम होगी ? नहीं केवल कमरे का तापमान कम होगा लेकिन उसकी दीवारें आग उगलेंगी, वायुमण्डल गर्म होगा,तपिस बढ़ेगी । इसे कौन झेलेगा ? Ac की गर्मी का खामियाजा गरीब जनता भुगतेगी जो इस तपती धूप में सड़कें बनाती है,मकान निर्माण,खेतों आदि में मजदूरी करती है।मरेगा कौन ? यही खेतों में,सड़कों पर उत्पादन करने वाली जनता।आराम कौन करेगा,ac में अमीर आदमी।पेड़ कौन लगाता है ? गरीब।काटता कौन है ? अमीर और उद्योगपति।जब आदिवासी इसका विरोध करते हैं तब उन पर कानून का चाबुक चलता है और धन बल कानून से सम्पन्न लोग,हर तरह से विपन्न आदिवासियों का दमन करने में सफल हो जाते हैं।आखिर सरकारें काम किसके लिए करती हैं ? हमेशा से अमीरों के लिये जबकि बनती गरीबों से हैं। अमीर Ac लगवा रहा है पैसे से पहाड़ों पर जा रहा है, पर गरीब कहाँ जाए, धूप से मरने के लिये खेतों में या सड़कों पर ? या फिर यहां न मरकर भूख से मरने के लिये घर में बैठा रहे ?

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