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India vs. South Africa Cricket Review – आखिर भारत जीत कर भी क्यों हार गया

T20 Cricket World Cup
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कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में टी-20 विश्वकप के एक अहम मुकाबले में लाखों उम्मीदों को लिए भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हरा तो दिया लेकिन इस हार में भी भारत अपने ऊपर जीत का सेहरा बांध नहीं पाया. उसके लिए यह जीत उतनी ही फीकी रही जितनी संघर्ष करने के बावजूद हार के बाद किसी टीम के लिए होती है. भारत द्वारा पाकिस्तान पर शानदार जीत दर्ज करने के बाद ग्रुप (2) में कुछ ऐसे समीकरण बन गए थे जिसके बाद से किसी भी टीम के लिए सेमीफाइनल में पहुंचना आसान नहीं था. यहां तक कि आस्ट्रेलिया के लिए भी जिसने सुपर 8 में दो मैच जीते थे.


क्या यही है महिला हिमायत !!


ऐसे में सभी की नजर मंगलवार को खेले जाने वाले मुकाबले पर टिकी थी. एक तरफ जहां आस्ट्रेलिया का सामना पाकिस्तान से होना था तो दूसरी तरफ भारत का सामना दक्षिण अफ्रीका से. दिन के पहले मुकाबले में पाकिस्तान ने आस्ट्रेलिया को 32 रनों से हरा तो दिया लेकिन इस पूरे मैच को देखा जाए तो ऐसा कहीं भी नहीं लगा कि आस्ट्रेलिया वही टीम थी जिसने टी20 प्रतियोगिता में न केवल अपने मैच जीते बल्कि अधिकतर टीमों को बड़े अंतराल से भी हराया. उसने पाकिस्तान के सामने ऐसे घुटने टेक दिए जैसे वह चाहता था कि पाकिस्तान सेमीफाइनल का सफर तय करे. अब उम्मीद की सभी निगाहें भारत और दक्षिण अफ्रीका के मैच पर टिकी हुई थीं लेकिन वहा भी नाउम्मीदी ही हाथ लगी. भारत मैच तो जीता लेकिन कम रेटिंग पॉइंट के चलते सेमीफाइनल में जगह नहीं बना पाया.


हार की रूपरेखा इंग्लैंड के साथ मैच में ही तैयार हो गई थी

आज दक्षिण अफ्रीका पर भारतीय टीम की जीत को हार का नाम दिया जा रहा है दरअसल इस हार की रूपरेखा लीग मुकाबले में इंग्लैंड के साथ खेले गए मैच के दौरान रची जा चुकी थी. भारत ने स्पिनरों की मदद से इंग्लैंड पर 90 रन की शानदार जीत दर्ज की. तब यह माना जाने लगा कि स्पिनरों की वापसी हो गई है और इसी को आधार बना लिया गया कि आगे आने वाले मैच भी स्पिनरों को केंद्र में रखकर खेले जाएंगे. लेकिन इस बात की हवा तब निकल गई जब भारत का सामना सुपर 8 मुकाबले में आस्ट्रेलिया जैसे मजबूत टीम से हुआ. जिन स्पिनरों के लिए हम दम भर रहे थे वह स्पिनर आस्ट्रेलियाई टीम के सामने फिसड्डी साबित हुए. यह वही मैच था जिसके बाद भारत का सारा समीकरण ही चरमरा गया. उस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को नौ विकेट से करारी शिकस्त दी जिससे भारत की रेटिंग पॉइंट नीचे गिर गई.


सीनियर खिलाड़ियों का न चलना

टी20 विश्वकप शुरू होने से पहले ऐसा माना जाता था कि टीम के सीनियर खिलाड़ी टीम को मजबूती देंगे लेकिन टी20 के किसी भी मैच को देखें तो ऐसा कहीं नहीं लगा कि भारतीय सीनियर खिलाड़ी इस प्रतियोगिता को जीतने के लिए गंभीर हैं. वीरेंदर सहवाग, जहीर खान यहां तक स्वयं कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का प्रदर्शन औसत से भी कम रहा और इसका नुकसान युवा खिलाड़ियों पर दबाव के रूप में देखने को मिला.


टीम प्रबंधन के ऊपर सवाल

आज जहां भारत प्रतियोगिता से बाहर हो गया है उसने कहीं न कहीं टीम प्रबंधन के ऊपर सवाल खड़े कर दिए हैं. टीम प्रबंधन ने रेटिंग पॉइंट का बिलकुल ख्याल नहीं रखा. अगर भारत आस्ट्रेलिया से बड़े अंतराल से हारा तो उसके बाद से ही टीम प्रबंधन को पाकिस्तान को बड़े अंतराल से हराने की योजना बनानी चाहिए थी ताकि भारत की रेटिंग पॉइंट पाकिस्तान से ऊपर जा सके.


विराट कोहली पर निर्भर होना

टीम को अपना मैच जीतने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है टीम के हरेक सदस्य का प्रदर्शन करना. इस पूरे प्रतियोगिता पर नजर डालें तो केवल विराट कोहली को छोड़कर बाकी सभी खिलाड़ी अपनी क्षमता के मुकाबले बहुत ही कम खेले. भारत की गेंदबाजी तो शुरू से ही अपनी छाप छोड़ने में बेअसर साबित हुई और बल्लेबाजी में भी खास कमाल देखने को नहीं मिला.


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