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टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम के सेमीफाइनल से पहले बाहर हो जाने के बाद टीम के साथ-साथ कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर हार का ठीकरा फोड़ा जाने लगा है. धोनी की काबीलियत पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं और टीम की कमान किसी और के हाथों में सौंपे जाने की बात भी कही जा रही है. उन पर टीम चुनने से लेकर किस खिलाड़ी को कब खेलना चाहिए इसको लेकर भी आरोप लग रहे हैं. यह पहली बार नहीं है जब धोनी की काबीलियत पर सवाल उठाए जा रहे हों. 2011 विश्व कप के बाद भारतीय टीम ने ऐसी कोई बड़ी जीत हासिल नहीं की जिसको लेकर यह कहा जा सके यह वनडे की विश्व चैम्पियन है.
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क्या लगातार हारने का रिकॉर्ड बनाना है?
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ में भारत को मिली बुरी हार, एशिया कप में टीम का बुरा प्रदर्शन और अब टी20 विश्वकप में सेमीफाइनल से पहले बाहर हो जाना यह दर्शाता है कि टीम आईपीएल को छोड़कर अन्य किसी मैच में गंभीर दिखाई नहीं दे रही है. घरेलू टूर्नामेंट को छोड़ दें तो भारतीय टीम ने हर जगह दर्शकों को निराश किया है और इसके लिए सबसे अधिक जिम्मेदार धोनी को बताया जा रहा है. धोनी पर यह भी आरोप लगा कि उनका टीम के सीनियर खिलाड़ियों से कोई कॉंटेक्ट नहीं है और इस बात की पुष्टि उस समय ही हो गई थी जब टेस्ट टीम के भरोसेमंद खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण ने संन्यास के वक्त मीडिया से कहा कि ‘उनकी धोनी से बात नहीं हो सकी क्योंकि उनसे संपर्क करना काफी मुश्किल होता है’. वीरेंदर सहवाग से उनके रिश्ते जग जाहिर हो चुके हैं और उन दोनों का एक-दूसरे पर कमेंट करना अब आम चुका है.
धोनी पर यह भी आरोप लगते हैं कि वह टीम की चयन प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं. वह अपने मनमुताबिक खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने के लिए दबाव डालते हैं. टी20 वर्ल्ड कप से पहले टीम में पीयूष चावला, हरभजन सिंह, रोहित शर्मा के चयन को लेकर सवाल उठे थे.
कौन ले सकता है धोनी की जगह ?
इन सब आरोपों के बावजूद क्या धोनी टीम के लिए इतने बुरे हो चुके हैं कि उन्हें टीम की कप्तानी से निकाल बाहर कर देना चाहिए. अगर ऐसा है तो टीम में ऐसा कौन है जो धोनी की जगह ले सकता है. खराब फॉर्म की वजह से आप वीरेंदर सहवाग और गौतम गंभीर को टीम की कमान सौंप नहीं सकते. युवराज सिंह अभी कैंसर की बीमारी से लौट कर आए इसलिए उन पर भरोसा करना टीम के लिए सही नहीं होगा. अब रह जाते हैं विराट कोहली जिसने पिछले 2 सालों तक लगातार अच्छा प्रदर्शन करके यह दिखा दिया है कि उनके अंदर कप्तान बनने की क्षमता है. लेकिन बीते दो सालों में विराट कोहली जितना अपने प्रदर्शन की वजह से वाहवाही लूटने में सफल रहे उतना ही वह अपने ऊटपटांग व्यवहारों की वजह से भी चर्चा में रहे हैं. अब ले देकर बात धोनी पर आ टिकती है. धोनी ही इस समय टीम के ऐसे सदस्य हैं जिन पर भरोसा किया जा सकता है और जिन पर टीम अब तक भरोसा करती आ रही है और हम यह क्यों भूल जाते हैं कि धोनी भारत के पहले ऐसे कप्तान हैं जिनकी कप्तानी में भारत दो बार विश्व चैम्पियन बना है. उन्हीं की कप्तानी में भारत ने टेस्ट में पहली रैंकिग हासिल की थी.
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