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टी20 विश्वकप 2012 से पहले वेस्टंडीज की क्रिकेट टीम में कुछ भी सही नहीं चल रहा था. खिलाड़ियों से लेकर टीम प्रबंधन और बोर्ड के बीच विवाद आम हो चुके थे. टीम के बड़े खिलाड़ी बिखरे हुए नजर आ रहे थे. उन्हें अपनी राष्ट्रीय टीम की अपेक्षा किसी अन्य देश के क्लबों के लिए खेलना ज्यादा पसंद आता था लेकिन जून के महीने में वेस्टंडीज क्रिकेट बोर्ड द्वारा लिए गए कुछ महत्वपूर्ण फैसले और टीम में बड़े खिलाड़ियों की वापसी से क्रिकेट के हलको में यह संकेत जा चुका था कि आने वाले वक्त में वेस्टंडीज की टीम बड़ी उपलब्धि हासिल करेगी.
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रविवार को कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए टी-20 विश्वकप के फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज ने श्रीलंका को 36 रनों से हराकर लगभग 32 सालों बाद विश्वकप अपने नाम किया. टीम की जीत में जहां गेंदबाजों का मुख्य रोल था वहीं मलरेन सैमुअल्स जिन्होंने 56 गेंदों पर 78 रन बनाए थे, के योगदान को कभी नहीं भूला जा सकता. पूरे मैच पर यदि नजर डालें तो यह काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. श्रीलंकाई टीम के 17वें ओवर तक यह नहीं कहा जा सकता था कि दोनों में से कौन सी टीम विश्व विजेता बनेगी. लगातार मैच में रोमांच बरकारार रहा इससे खिलाड़ियों और दर्शकों के दिल की धड़कनें बढ़ती रहीं.
श्रीलंका की हार में बल्लेबाजों की भूमिका
मैच की शुरुआत से श्रीलंकाई टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों पर शिकंजा बनाए रखा. दस ओवर तक वेस्टइंडीज टीम का रन औसत से भी कम था. मलिंगा को छोड़कर बाकी सभी गेंदबाज खासकर अजंता मेडिस ने वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को अपनी गेंदबाजी से बिलकुल जकड़ लिया था. यही वजह रही कि वेस्टइंडीज की टीम श्रीलंकाई टीम के सामने 137 रन का स्कोर ही खड़ा कर पाई. लक्ष्य बड़ा नहीं था इसलिए यह माना जाता था कि श्रीलंकाई टीम इस लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेगी लेकिन हुआ इसका उलटा. वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की घातक गेंदबाजी की वजह से श्रीलंका के बल्लेबाज बिलकुल असहाय दिखाई दे रहे थे.
मलरेन सैमुअल्स ने मैच को पलटा
वेस्टइंडीज की टीम आज जो खुशी मना रही है उसमें मलरेन सैमुअल्स का योगदान काफी अहम है. जिस तरह से वेस्टइंडीज की टीम शुरुआत में लड़खड़ाती गई उसमें यदि सैमुअल्स ने 56 गेंदों पर 78 रन पारी नहीं खेली होती तो शायद वेस्टइंडीज की टीम जीत का स्वाद नहीं चख पाती. उन्होंने सही समय पर रन बनाकर टीम के स्कोर को 137 रन पहुंचाने में अहम योगदान दिया. उनके इसी योगदान की बदौलत उन्हें मैन ऑफ़ द मैच चुना गया.
श्रीलंका टीम की योजना केवल क्रिस गेल…
जिस तरह से आस्ट्रेलिया के खिलाफ गेल ने शानदार पारी खेलकर यह संकेत दे दिए थे वह फाइनल में भी श्रीलंका के खिलाफ इससे भी बढ़कर धमाल करने वाले हैं. उससे श्रीलंकाई टीम से लेकर पूरी दुनिया की निगाहें गेल पर टिक गई थीं लेकिन मैच में गेल बिलकुल नहीं चले. उनके आउट होने के बाद एक छोर से वेस्टइडीज के खिलाड़ी आउट होते गए. माना जाने लगा कि वेस्टइडीज की टीम 100 के पार भी नहीं पहुंच पाएगी. लेकिन सैमुअल्स की धुंआधार पारी ने कब टीम के स्कोर को 137 पहुंचा दिया श्रीलंकाई टीम को पता ही नहीं चला. अगर वेस्टइंडीज टीम के फाइनल और सेमीफाइनल मुकाबले पर नजर डालें तो ऐसा लग रहा था कि पूरी टीम के अंदर चैम्पियन बनने की एक ललक थी. अगर कोई बल्लेबाज अपना पूरा काम नहीं कर पाता था तो गेंदबाज अपनी गेंदबाज से उस कोटे को पूरा कर देता. इसी का नतीजा है कि आज वेस्टइंडीज की टीम के पास टी20 विश्व विजेता का खिताब है.
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मलरेन सैमुअल्स.
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