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आखिर कब तक बचते?

ताहिर की कलम से
ताहिर की कलम से
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कहते है न जब किसी को अपनी जान बचानी हो तो वह बचने के नये-नये तरीके अपनाता है लेकिन जब समय आता है तो उसे कोई बचा भी नहीं सकता। राजस्थान के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा ने भी अनेक बहाने बनाये लेकिन कभी दर्द की शिकायत तो कभी हार्ट की प्राब्लम और रिपोर्टें सभी सामान्य। आखिर क्यों? लेकिन इस बात का खुलासा भी उस वक्त हो गया जब एक टीवी पत्रकार ने स्टिंग ऑपरेशन किया। भंवरी देवी की गुमशुदगी मामले में सीबीआई ने लंबी पूछताछ के बाद शुक्रवार देर शाम राजस्थान के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और कांग्रेसी विधायक मलखान सिंह के भाई परसराम बिश्नोई को गिरफ्तार कर ही लिया। सीबीआइ का कहना है कि मदेरणा के इशारे पर सहीराम बिश्नोई ने अपहरण की साजिश रची बाद में भंवरी को कत्ल कर दिया गया। वहीं इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब भंवरी के पति अमरचंद ने सीबीआइ पर गलत जांच का आरोप लगा दिया। अमरचंद का कहना है कि आबूरोड़ से बरामद सोने की चेन, लॉकेट उसकी पत्नी का नहीं है। सीबीआइ ने जबरन उससे दोनों चीजों की पहचान कराई और खाली कागज पर दस्तखत करा लिए। सीबीआइ ने शुक्रवार को जोधपुर सर्किट हाउस में मदेरणा और अमरचंद से करीब दस घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद मदेरणा व पारसराम को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के अनुसार सीबीआइ अब तक की जांच से मान रही है कि सोहनलाल व शहाबुद्दीन ने एक सितंबर को अपहरण के बाद भंवरी को खत्म कर दिया। एजेंसी को खून से सने कपड़े मिले हैं जो सोहनलाल के और उस पर लगा खून भंवरी का होने की आशंका है। खून के मिलान के लिए सीबीआइ ने उम्मेद अस्पताल से भंवरी के प्रसव के समय का रिकॉर्ड लिया है जिसमें उसका ब्लड गु्रप ओ नेगेटिव बताया गया है।
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