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जिस गति से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, उससे सरकार और लोगों की सांसें फूल रही हैं। यदि देखा जाये तो सब कुछ महंगा हो चुका है लेकर सुई से और चाहे कितना ही बड़ा सामन क्यों न हो.लेकिन जागो सरकार जागो आम आदमी कि भी कुछ तो परेशानी से सरोकार रखो और बढ़ रही महंगाई पर कुछ तो अंकुश लगाओ. लेकिन आज कल देश में एक मुद्दा और सामने उठ खड़ा हुआ है जी हां,कोंग्रस के वरिष्ट सदस्य तथा केन्द्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने भी अपनी जबान तपाक से खोलते हुए एक बयान दे डाला और कहा “वह दिनोदिन बढ़ती महंगाई से खुश हैं और जितनी महंगाई बढ़ेगी उतना ही फायदा किसानों को होगा” लेकिन बेनी प्रसाद वर्मा जी ये भूल गए कि उनकी बात को सभी सुन रहें हैं. फसलों में गिरने वाले सभी प्रकार के युरियां खाद महंगे है तो फिर किसानों को कैसे फायदा हो सकता है. किसानों के हाथ से जाने के बाद बीच में दलाल ज्यदातर ख़त्म हो जाता है. अभी पेट्रोल के दाम बढ़े ज्यादा समय नही हो पाया है.और तेल कम्पनी ने फिर दाम बढ़ाने के संकेत दे ड़ाले हैं.अब तो आम आदमी का जीना मुहाल हो चुका है. आखिर क्या करे जनता? अब तो शायद जनता भी सोचने लगी होगी कि एक बार ही 100 रूपये लीटर कर दिया जाये तो रोज-रोज कि समस्या ही ख़त्म हो जाये. लेकिन लगता है अब सरकार भी चारो खाने चित हो चुकी है. तभी तो महंगाई दिनोदिन बढ़ती जा रही है. इसे रोकने के सरकार को जल्द ही कोई शख्त इंतजाम करने होंगे ताकि गरीब लोग भी अपना जीवन बसर सही प्रकार से कर सके. अब तो कहा जा सकता है कि वर्मा जी ने किसान तो खुश कर दिए लेकिन आम जनता को कैसे खुश किया जाये! लेकिन ये समय कुछ कहने का नहीं बल्कि बढ़ती महंगाई को कम करने का है.
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