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क्यों नही रुक पा रही ये घटनायें?

ताहिर की कलम से
ताहिर की कलम से
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अब देश कि स्थति काफी डावा-ड़ोल होती जा रही हें.कौन,कब,कहाँ, किसका अपहरण कर किसको मौत के घाट उतार दे या रैप जैसी घिनोनी हरकत कर दे कुछ कहाँ नही जा सकता.प्रति-दिन एक न एक घटना अपहरण,लूट,बलात्कार,हत्या कि सामने आ ही जाती हें. और अब तो स्थति और बद से बदतर होती जा रही है देश मे पहिले भी न जाने कितनी बडी-बडी घटनाएं हो चुकी हें लेकिन उन घटनाओं से कोई सबक नही लिया जाता.घटने वली घटनाओ कि खबरें लगातार कई दिनो तक अखबारों एवं न्यूज चैनलो में सुर्खिया मात्र बनकर रह जाती हैं. लेकिन प्रशासन सिर्फ फोर्मलटि पूरी कर रह जाता हें.लेकिन क्या आज़ाद देश में इसी प्रकार का व्यहवार होता रहेगा? क्या यू ही देश में लूट,हत्या,बलात्कार और अपहरण होते रहेंगे?अब प्रश्न ये उठता हें कि आखिर क्यों नही रुक पा रही ये घटनायें? लेकिन अब प्रशासन को थोड़ा सख्त होने कि आवश्यकता हें.तभी इन घटनाओ पर अंकुश लगाया जा सकता हैं.
हालही के पिछले दिनों नई दिल्ली में एक लड़की के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और इस हादसे में पीडि़ता व उसके साथी को आरोपियों द्वारा गम्भीर रूप से घायल किये जाने की घटना ने पूरी दिल्ली को ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया है जो समाज के लिए अत्यंत दुःखद एवं शर्मनाक है। ऐसी घटनाएं सभ्य समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हैं। जरूरत इस बात की है कि घटना के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलायी जाए। दिल्‍ली गैंगरेप की घटना के बाद देश भर में उबाल है। नेता भी आवाज उठा रहे हैं, अभिनेता से लेकर स्कूल कॊलेज के छात्र-छात्राएं संसद से सड़क तक जनता भी सड़कों पर उतरी है। सरकार भी कुछ करते दिखने की कवायद कर रही है। लेकिन एसोचैम की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में हर 40 मिनट में एक महिला का अपहरण कर बलात्‍कार किया जाता है। शहर की सड़कों पर हर घंटे एक महिला शारीरिक शोषण की शिकार होती है। हर 25 मिनट में छेड़छाड़ की घटना होती है। युवतियों और महिलाओं के साथ सार्वजनिक स्थानों पर छेड़-छाड़ करने के बाद बच निकलना जितना आसान भारत देश में है उतना शायद किसी अन्य देश में हो।राह से भटके कुछ युवक मनचले इन दिनों इस सुविधा का लाभ उठाये बिना नहीं रह रहे हैं,बल्कि इसका पूरा उपयोग कर रहें हैं।कोई भी ऐसा राज्य नहीं है जहां पर इस तरह की घटनाओं को अंजाम न दिया जाता हो।प्रतिदिन इस तरह की घटनाओं की खबर सुनने व पढ़ने को मिल ही जाती है।यह महिलाओं के साथ होने वाली अपराधों की श्रेणी में सबसे गंभीर अपराध छेड़छाड़ की घटना को माना जा सकता है।इस बात को मानते हुए भी समाज में इसको गंभीरता से नहीं लिया जाता,जिस कारण अपराधियों के होश्लें दिनोदिन और मजबूत होते जा रहें हैं। जिस कारण आये दिन छेड़छाड़,लूट,बलात्कार,हत्या जैसी घिनोनी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। यदि देखा जाये तो होने वाली अपराधिक घटनाओं के लिए हमारा पुलिस-प्रसाशन भी उतना ही जिम्मेदार है जितना की वो अपराधी जिसने अपराध किया है। क्योंकि देश की राजधानी और दिल वालों की दिल्ली में चलती बस में 6 वहशी दरिंदें हवश का शिकार बना डालते हैं और घटना स्थल पर मोबाइल वैन या फैंटम पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों का करीब 30 से 40 मिनट तक कोई पता ही नहीं चलता। लेकिन अब बड़ा सवाल ये है की आखिर कहां है हमारी सुरक्षा में मौजूद सुरक्षाकर्मी? आखिर कितने सुरक्षित हैं हमारा देश? लेकिन अब तो ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाही करनी होगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को करने से पहले इन दरिंदों की रूह कांप उठे।

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