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केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को आज महंगाई पर जनता के गुस्से का हिंसक अंदाज देखना उस वक्त पड़ा जब शरद पवार मीडिया से बात करते हुए आगे बढ़ रहे थे। और देखते ही देखते एक व्यक्ति ने उन्हें जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। अब जनता करे भी तो क्या करे? महंगाई से नाराज एक युवक ने उन्हें जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। इस युवक ने चाकू भी निकाल लिया। हालांकि समय रहते उसे काबू में कर लिया गया और पुलिस के हवाले कर दिया गया। एनसीपी प्रमुख के साथ हुई इस हिंसा के बाद नासिक समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में पार्टी कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने शरद पवार को फोन कर उनका हालचाल पूछा है। इस घटना पर रालेगण में जब अन्ना हजारे से पत्रकारों ने प्रतिक्रिया लेनी चाही और उनसे सवाल किया कि शरद पवार को दिल्ली में एक युवक ने थप्पड़ मारा है इस पर आपका क्या कहना है तो अन्ना ने हैरानी के साथ कहा थप्पड़ मारा एक ही थप्पड़ मारा हालांकि इसके तुरंत बाद ही अन्ना ने इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा जनतंत्र में हाथापाई ठीक नहीं है। लेकिन सरकार को भी यह सोचना चाहिए कि लोगों का गुस्सा नहीं बढ़े। भ्रष्टाचार और महंगाई से लोग परेशान हैं। सिर्फ अन्ना हजारे ही नहीं बल्कि हर किसी का यही बयान होगा। हर कोई नेता सिर्फ एक थप्पड़ की निंदा कर रहा है। लेकिन जहां पर रोज न जाने कितनी मासूम जनता पर जुल्म किये जाते हों उस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता शायद इसलिए क्योंकि वो गरीब है, करोड़पति नेताओं के आगे उनकी कोई औकात नहीं लेकिन कहीं न कहीं थप्पड़ का शरद पवार के मुंह पर लगना कुछ न कुछ तो संदेश जरूर दे रहा है। एक तरफ देखा जाए तो जब भी किसी वस्तु पर कोई रेट बढ़ते है तो उस तरफ उनका कोई ध्यान नहीं होता उसका ध्यान दिलाने के लिए भी जनता को धरने-प्रदर्शन करने होते जब जाकर भी मिलती है तो महंगाई कम करने के लिए मिलती है तो सिर्फ तारीख। लेकिन ये तारीख कहां तक उचित है उसका अंजाम आज भुगतना पड़ा। हालाकिं सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ जरूर लिया लेकिन उसने जो कुछ भी कहा उससे गरीब जनता को कुछ राहत जरूर मिलेगी। पत्रकारों के सवालों के जवाब में थप्पड़ मारने वाले युवक से पूछा कि थप्पड़ क्यों मारा? तो कहां की हर तरफ जहां देखों घोटाले ही घोटाले हैं, सब चोर है। लेकिन इस थप्पड़ से पवार साहब को सबक लेकर महंगाई पर लगाम लगानी होगी।
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