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अन्ना करें आराम, कब मिलेगा अन्न?

ताहिर की कलम से
ताहिर की कलम से
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अन्ना हजारे का उपचार कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें लगातार सलाह दे रहें है कि वे तनाव न लें। ज्यादा से ज्यादा आराम करें। 16 अगस्त से अनशन कर रहे अन्ना का वजन 7 किलो घटकर शुक्रवार को 65 किलो रह गया है। उनका ब्लडप्रेशर और धड़कन सामान्य है। यदि अन्ना जी ज्यादा आराम करते रहेंगे तो उनकी सेहत स्थिर रहेगी। लेकिन अभी भी उनकी हालत चिंताजनक है। सम्स्घ नहीं आ रहा की जनलोकपाल बिल को पास करने में सरकार इतना वक्त क्यों लगा रही है.अब बड़ा प्रश्न ये उठता है की अगले कितने दिनों में सरकार की बहस पूरी हो पाएगी. लेकिन जो भी अन्ना कर रहे हैं वो सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश में रहने वाले लोगों के लिए कर रहे हैं.
वे हजारों लोग जो दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रत्यक्ष उपस्थित हैं और वे करोड़ों अन्य जो देश के अलग-अलग हिस्सों और दुनियाभर में अपनी सांसें थामे हुए पल-पल के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं, अब उस अद्भुत क्षण की प्रतीक्षा में हैं जब यह घोषणा भी होगी कि अन्ना, अन्न ग्रहण करने वाले हैं।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 64 वर्षो के उथल-पुथल भरे इतिहास के दौरान यह पहला अवसर है जब महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव रालेगण सिद्धी से निकले 74 वर्षीय फकीर ने ‘इंडिया’ का ‘भारत’ की आत्मा के साथ साक्षात्कार करा कर दिल्ली के रामलीला मैदान को ‘अगस्त क्रांति मैदान’ में परिवर्तित कर दिया। देश की संसद का वह निश्चित ही अप्रतिम क्षण रहा होगा जब स्पीकर मीरा कुमार ने अपनी कुर्सी से खड़े होकर अन्ना हजारे के बहुमूल्य जीवन के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए समूचे सदन की ओर से उनसे अपना अनशन समाप्त करने की अपील की होगी।
जिस अन्ना हजारे पर संसद की अवमानना करने का आरोप लगाया गया था उसी संसद की दीवारों से उनकी प्रशस्ति के गान टकराकर सांसदों की आत्माओं को झकझोर रहे थे। और संसद के बाहर देश और दुनियाभर की जनता गवाह बन रही थी कि राजनीतिक मजबूरी के चलते अपनी रीढ़ से समझौता कर झुकी हुई सरकार किस तरह से समझाना चाह रही है कि उसकी यह मुद्रा तो भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना की लड़ाई के प्रति सम्मान है। अन्ना के बहाने पहली बार जनता को अनुभूति हुई है कि देश क्या है और उसके लिए क्या कुछ करना होगा।

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