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दिल में फिर भी उम्मीद रहती हैं…

ताहिर की कलम से
ताहिर की कलम से
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सचिन अब भारतीय लोगों कि रगों में रच बस चुकें हैं.अब उन्हें कोई कुछ कहता है तो मन करता है कुछ कह डालूं जमकर (भड़ास) निकलूं. लेकिन जब अपनी दुश्मन (हराने वाली टीम) से हार जाएं तो लगता जमकर कुछ खबर ली जाये…लेकिन ऐसा ही उस वक्त हो गया जब भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने आग उगलते हुए जमकर अपनी भड़ास निकाली.
कभी सचिन तेंडुलकर की तारीफ व कभी आलोचना करने वाले कपिलदेव अब सचिन के लगातार खराब खेलने से काफी नाराज हैं। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अपने मन की सीधी बात करते हुए उन्होंने कहा कि सचिन लगातार खराब खेल रहे हैं। वे टेस्ट व वनडे मिलाकर 29 पारियों में शतक भी नहीं लगा सके हैं इसलिए उन्हें क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए। वैसे यदि वर्ल्‍ड कप के बाद वे संन्यास लेते तो अच्छा रहता। कपिल ने कहा कि भारतीय क्रिकेट में अभी नए युग का दौर है अत: सचिन संन्यास लेंगे तो कोई गलत नहीं होगा। कपिल ने सचिन, सहवाग और गंभीर की फील्डिंग की तीखी आलोचना की। जडेजा से गेंदबाजी क्यों नहीं? कपिल ने इस बात पर आश्चर्य जाहिर किया कि रविवार को ब्रिसबेन मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रवींद्र जडेजा से गेंदबाजी नहीं करवाई गई। कपिल को धोनी के फैसले में पक्षपात की बू नजर आ रही है। कपिल ने सुझाव दिया कि चयनकर्ता कड़े फैसले लेने का साहस दिखाएं। सचिन ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय शतक 12 मार्च 2011 को नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया था। इस शतकीय पारी में उन्होंने 111 रन बनाए थे। यही वह संख्या है जिसे क्रिकेट के अंधविश्वास में नेल्सन संख्या कहा जाता है। इस संख्या के लिए आमतौर पर माना जाता है कि जब कोई बल्लेबाज इस संख्या पर पहुंचता है तो उसके आउट होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। सचिन नागपुर मैच के बाद से 29 अंतरराष्ट्रीय पारियां खेल चुके हैं लेकिन उन्हें 100 वां शतक नसीब नहीं हो पा रहा है। ‘सचिन महाशतक को भूलकर खेलें और अपनी लय बनाए रखें तो शतक अपने आप बन जाएगा। वे माने या न माने सच तो यह है कि दबाव में आकर वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं’लेकिन जब किसी को दुःख होता है तो ऐसी ही बात जबान से निकलती है.दुःख इस बात का नही कि भारतीय टीम जीत नहीं पा रही है. क्योंकि हार जीत तो हमेशा लगी रहती है.लेकिन अब दुख है तो इस बात कि सचिन रमेश तेंदुलकर अपना 100 वां शतक नही बना पा रहें है.

“जिंदगी इतनें दर्द देती है..
दिल में फिर भी उम्मीद रहती हैं,
दिल कहता है कुछ नही होगा,
पर शतक तो जरुर बनेगा ये उम्मीद कहती है…
Sachin

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