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दूध का धुला कोई नहीं !

ताहिर की कलम से
ताहिर की कलम से
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ललित के पीछे क्या है ?
दूध का धुला कोई नहीं !
सात समुद्र पार यानी सुदूर लन्दन में बैठा एक शख्स पार्टियां अटेंड कर रहा है। वह सुकून से ट्वीट -दर -ट्वीट भारतीय राजनीति को हिलायमान किया हुआ है।
याद कीजिये आईपीएल के उन झंझावातों को जब संसद से सड़क तक क्रिकेट के कालिख की चर्चा हो रही थी। आज फिर ”विकिलीक्स ” तरह ललित लिक्स की चर्चा है।
आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी विवाद से देश की सियासत का तापमान दिनोदिन बढ़ता ही जा रहा है। या यूँ कहें की पारा लगातार राजनीतिक माहौल को गर्माता ही जा रहा है। ट्वीट की उस उमस भरी गर्माहट में राजनेता, मंत्री , सत्ता -विपक्ष बुरी तरह झुलसते जा रहे हैं । मोदी एक के बाद एक देश के राजनेताओं को अपने साथ लपेटते जा रहे हैं। ललित मोदी के साथ संबंधों को लेकर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहले से मुसीबत में हैं, वसुंधरा राजे, पर ट्वीटर बम से जोरदार हमला किया था जिसके बाद लगातार हमलों का दौर जारी है। और अब उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बीजेपी सांसद वरुण गांधी को भी विवादों में लपेट लिया है। यदि बात की जाए मौजूदा सरकार की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तो सबसे पहले ललित मोदी की मदद को हाथ सुषमा ने ही बढ़ाया था जिसमे सुषमा ने इंसानियत के नाते मदद करने की बात कबूली थी । लेकिन अब स्थति उलट हो गई है मदद अब मुसीबत बनती नज़र आ रही है। यह अजीब सी विडम्बना है कि साफ़ -सुथरी छवि और संसद की बहसों में शानदार भूमिका निभाने वालीं सुषमा स्वराज भी ललित मोदी की मददगार बनकर संदेह और नैतिकता के घेरे में हैं। लेकिन अब सवाल ये खड़ा हो जाता है की एक भगौड़ा की मदद कैसे की जा रही है जो कई सालों पहले देश को छोड़ कर जा चुका है? क्या इस प्रकार मदद देश हित में सही है? मानवीय आधार पर किस हद तक मदद की जा सकती है? मोदी ने प्रियंका और राबर्ट वाड्रा के साथ लंदन में अलग-अलग मुलाकातों का खुलासा किया था। मोदी के ताजा खुलासे से भाजपा की भी मुश्किल बढ़ सकती हैं, क्योंकि नेहरू परिवार के वरुण गांधी सुल्तानपुर से भाजपा के सांसद हैं।
मोदी ने नेहरू परिवार के बाद अब बीजेपीवादियों को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है चाहे अरूण जेटली हो या । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल को अपनी कंपनी ‘इंडोफिल’ में डाइरेक्टर की पोस्ट ऑफर की थी लेकिन कौशल ने इसे ठुकरा दिया था। पहले से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मोदी को ट्रैवल डाक्युमेंट दिलाने में मदद करने के मामले में विपक्ष के निशाने पर हैं। वहीं पक्ष-विपक्ष थोक के भाव में लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी अपनी सच्चाई बताकर अपनी छवि सुधरने में लगे हुए हैं । ललित मोदी के ट्वीटर की गर्माहट अब आम आदमी पार्टी तक जा पहुंची है मोदी ने ट्वीट कर जाने-माने वकील राहुल मेहरा पर आरोप लगाए हैं कि राहुल मेहरा ने आईपीएल में फूड एवं बेवरेज के राइट्स मांगे थे। राहुल मेहरा दिल्ली सरकार की लीगल टीम का चेहरा हैं। उन्होंने ललित मोदी को ईमेल लिखने की बात मानी है। मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर खुलाशा करते हुए सोनिया गांधी और वरुण के बाद भाजपा नेता सुधांशु मित्तल को लपेटे में ले लिया है इस आवाम में सब नंगे नज़र आ रहे हैं कहा जाये तो दूध का धुला कोई नहीं है ।
क्रिकेट जो कथित रूप से भद्र लोगों का खेल है। उसकी दुर्गति हो रही है जिससे हर क्रिकेट प्रेमी आहत है। यह भी समझ आनी बात नहीं है कि एक कानूनी ‘ भगोड़ा ‘ (!) जिसकी कोई विश्वसनीयता ही नहीं है उसकी हर ट्वीट को ‘ सत्यमेव जयते ‘ की तरह क्यों ट्रीट किया जा रहा है ? मैच फिक्सिंग से लगायत ललित मोदी तक क्रिकेट आर्थिक तंत्र है उसकी पड़ताल जरूरी है।नहीं तो ललितगेट से क्या-क्या निकलकर आएगा कहा नहीं जा सकता !

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