Menu
blogid : 14530 postid : 568530

क्या अपने निर्माताओं के लिए अनलकी हैं धौनी !!

tarkeshkumarojha
tarkeshkumarojha
  • 321 Posts
  • 96 Comments

क्या अपने निर्माताओं के लिए अनलकी हैं धौनी !!

तारकेश कुमार ओझा
भारतीय क्रिकेट टीम के सुपरस्टार महेन्द्र सिंह धौनी क्या अपने कैरिय़र को गढ़ने वालों के लिए उसी तरह अनलकी हैं, जैसा बालीवुड के सलमान खान अपनी हिरोइनों के लिए। धौनी के जीवन वृत्तांत से कुछ इसी प्रकार के संकेत मिलते हैं। धौनी को बहुच र्चित हेलीकाप्टर शाट सिखाने वाले रांची के संतोष लाल से पहले भी उनके कैरियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कई नींव की ईंटें अपनी कुर्बानी दे चुके हैं। बहुत क्या कम लोग जानते हैं कि किशोरावस्था में धौनी को रेलवे में नौकरी देने और उनकी प्रतिभा को परवान चढ़ाने में वरिष्ठ रेल अधिकारी स्व. अनिमेष गांगुली का महत्वपूर्ण योगदान रहा। खुद धौनी उस अधिकारी को साहब कह कर पुकारते थे। 1999 में स्व. गांगुली पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में मंडल रेल प्रबंधक बन कर आए थे। पद संभालते ही उन्होंने अपने डिवीजन की स्पोटर्स टीम को संवारने का फैसला किया, औऱ मातहतों को निर्देश दिया कि अच्छे व प्रतिभावान खिलाडि़य़ों को बुलाएं वे उन्हें रेलवे में  नौकरी देकर आथिर्क व सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेंगे। इसी दौरान कई उदीयमान  क्रिकेट खिलाड़ी खड़गपुर पहुंचे, और रेलवे में नौकरी करते हुए रेलवे की टीम से खेलते रहे। कहा जाता है कि स्व. गांगुली का संदेश लेकर जो रेलकर्मचारी 1999 में धौनी के पास पहुंचा था, और उसे रेलवे में नौकरी का प्रस्ताव दिया , तब धौनी ने कौतूहल दिखाते हुए पूछा था, कि क्या इससे उन्हें महीने में 2 हजार रुपए तक मिल जाएंगे। घरेलू  क्रिकेट प्रतियोगिताओं में खेलने के मौके और इस दौरान धौनी को लंबी छुट्टी दिलाने में भी स्व. गांगुली ने काफी उदारता बरती। जिसके चलते धौनी अपने मुकाम तक पहुंच सके। गांगुली के खड़गपुर से तबादले के बाद छुट्टी व सुविधाओं के मामले में कुछ महीने तक धौनी को काफी परेशानियां भी सहनी पड़ी। इसके कुछ महीने बाद रेल अधिकारी अनिमेष गांगुली की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। हालांकि इससे पहले कि वे निराश होते, धौनी की किस्मत चमक उठी। भारतीय  क्रिकेट टीम में चयन के शुरूआती दिनों में टीम के तात्कालीन कप्तान सौरव गांगुली ने भी धौनी को गढ़ने  में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हालांकि कालांतर में खुद सौरव गांगुली को कैरियर के यौवन काल में ही सन्यास लेने को मजबूर होना पड़ा।
लेखक दैनिक जागरण से जुड़े हैं।
तारकेश कुमार ओझा,
भगवानपुर,
जनता विद्यालय के पास
वार्ड नंबरः09
खड़गपुर ( प शिचम बंगाल)
पिन ः721301
जिला प शिचम मेदिनीपुर
संपर्कः 09434453934

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply