tarkeshkumarojha
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कोरोना काल में देश की वर्तमान परिस्थितियों पर पेश है खांटी खड़गपुरिया की चंद लाइनें ….
सड़कें हैं , सवार नहीं ….!!
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बड़ी मारक है , वक्त की मार
हिंद में मचा यूं हाहाकार
सड़कें हैं , सवार नहीं
हरियाली है , गुलज़ार नहीं
बाजार है , खरीदार नहीं
गुस्सा है , इजहार नहीं
सोने वाले सो रहे
खटने वाले रो रहे
खुशनसीबों पर सिस्टम मेहरबान
बाकी भूखों को तो बस ज्ञान पर ज्ञान
जाने कब खत्म होगा नई सुबह का इंतजार
बड़ी मारक है वक्त की मार
– तारकेश कुमार ओझा, लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं। संपर्कः 9434453934, 9635221463
डिस्क्लेमर : उपरोक्त विचारों के लिए लेखक स्वयं उत्तरदायी हैं। जागरण जंक्शन किसी भी दावे या आंकड़े की पुष्टि नहीं करता है।
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