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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकार कर ही लिया कि वे जहर का घूंट पीते हैं और गुस्सा नहीं करते, इसीलिए इस मुकाम पर हैं। कमोबेश इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल राष्ट्रीय महासचिव डॉ. सी. पी. जोशी ने भी किया है। अपुन ने तो पहले ही लिख दिया था कि जोशी जी, आपका जहर ही तो पीते रहे हैं गहलोत।
आपको याद होगा कि राजस्थान में कांग्रेस के नए प्रभारी महासचिव प्रभारी महासचिव गुरुदास कामत की नियुक्ति के बाद बुलाई गई प्रदेश कार्यसमिति की पहली बैठक में राष्ट्रीय महासचिव जोशी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यही ज्ञान पिलाया था कि हाईकमान को राजस्थान से बहुत उम्मीदें हैं, फिर से सत्ता प्राप्त करने के लिए आपको जहर पीना पड़ेगा, जैसे शिवजी ने पीया था। सच तो ये है कि खुद जोशी ने भी शिवजी की तरह पूरे पांच साल जहर पिया। उन्हें दर्द इस बात का रहा कि उनके मन के मुताबिक नियुक्तियां नहीं की गईं। इसी के समानांतर गहलोत की हालत भी यही रही। पूरे साढ़े चार साल गहलोत ने भी कम जहर नहीं पिया है। जोशी का जहर। जोशी ने राजनीतिक नियुक्तियों सहित संगठन के हर मामले में टांग अड़ाई। कुल मिला कर दोनों ही एक दूसरे को जहर पीते-पिलाते रहे। और अब स्वीकार कर रहे हैं। हंसी ठिठोली करने वाले उनकी इस हालत पर यही कहते हैं कि जब राजनीति जहर ही है तो इसे छोड़ क्यों नहीं देते, क्या डॉक्टर ने कहा है कि जहर पीना जरूरी है? वैसे, सच तो ये है कि इन दोनों के झगड़े में इन दोनों से ज्यादा जहर उन्होंने पिया, जो राजनीतिक नियुक्ति पाने से वंचित रह गए या फिर काफी वक्त गुजर जाने के बाद नियुक्ति पा सके।
वस्तुत: कुल मिला कर कहानी ये है कि जोशी को सबसे बड़ा दर्द मुख्यमंत्री न बन पाने का है। मात्र एक वोट से हार जाने के कारण नहीं बन पाए। बाद में भी कोशिशें ये ही करते रहे, मगर कामयाबी हासिल नहीं हुई। वे असंतुष्ट गतिविधियों को हवा देते रहे। कई बार असंतुष्ट दिल्ली दरबार में शिकायत करके आए। मगर गहलोत का बाल भी बांका नहीं हुआ। अब भी उनकी कोशिश तो यही है मगर यह कह कर मन को दिलासा दे रहे हैं कि मैं हर मामले में जहर का घूंट पीता हूं और गुस्सा नहीं करता। आप सब भी जहर पीना सीखें और गुस्सा करना छोड़ दें। अब देखना ये होगा कि विधानसभा सीटों के लिए क्या वे वाकई गुस्से पर काबू पाते हैं या फिर अपनी कुंठा निकालने की कोशिश करते हैं। वैसे राजनीति के पंडितों का मानना है कि जोशी आने वाले दिनों में राहुल गांधी के मार्फत टिकट वितरण के मामले में टांग अड़ाने से बाज नहीं आएंगे। यानि कि जहर पीने-पिलाने का दौर जारी रहेगा। अगर ऐसा हुआ तो इस बार पूरी कांग्रेस जमात को पूरे पांच साल के लिए जहर पीते रहना पड़ेगा।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
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