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सेक्युलर टीवी की ख़बर के अनुसार, सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर आतंकवादी हमले में शामिल एक १६ वर्षीय मासूम पाकिस्तानी आतंकवादी को पकड़ा है।
इसके मासूम चेहरे को देखकर याक़ूब मेमन की फांसी का विरोध करने वाले सभी सेक्युलरों और आतंकवाद समर्थक नेताओं को इसपर बहुत दुलार आ रहा है।
इसके देशविरोधी आतंकवादी कृत्य और मासूम चेहरे दोनो को ध्यान में रखते हुए सेक्युलरों और आतंकवाद समर्थक नेताओं ने निर्णय लिया है कि इस बार इस मासूम आतंकी की पैरवी ऐसे की जाएगी कि इसे भारतीय अदालतें सज़ा न दे सकें।
इन्होंने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया है कि इस मासूम आतंकवादी को बचाने हेतु ये किसी भी हद तक जाएंगे। इसे ही क्यों, किसी भी आतंकवादी को बचाने के लिए ये हरसंभव प्रयास करेंगे, चाहे इसके लिए इन्हें भारतीय क़ानून प्रक्रिया और अदालतों की विश्वसनीयता को अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर कटघरे में ही क्यों न खड़ा करना पड़े।
सेक्युलरों और आतंकवादी समर्थक नेताओं के बीच इस बात पर भी विमर्श हो रहा है कि क्यों न इस मासूम आतंकवादी को भारतीय नागरिकता दिला दी जाए और इसे किसी सेक्युलर द्वारा गोद ले लिया जाए ताकि आतंकवादी बनने की इसकी ट्रेनिंग सुचारू रूप से चले जिसके फलस्वरूप यह एक दुर्दांत आतंकवादी बनकर हिन्दुस्तान में भयावह हमलों को अंजाम दे सके।
आतंकवाद समर्थक देशद्रोही वकीलों ने भी इन सेक्युलरों और आतंकवाद समर्थक नेताओं को आश्वासन दिया है कि इस बार तो वे इस मुकदमें की सुनवाई करने वाले जजों पर दबाव डालने के लिए सुनवाई के पहले ही दिन से आधी रातों को इन जजों के घर पर धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे तथा देश में अराजकता का माहौल बनाने का पूरा प्रयास करेंगे।
हिन्दुस्तान के सेक्युलरों और आतंकवाद समर्थक नेताओं के सुत्रों के अनुसार, सबसे पहले इस मासूम आतंकवादी से संबंधित पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों से संपर्क स्थापित कर उनके साथ सहानुभूति व्यक्त की जाएगी तथा उन्हें आश्वासन दिया जाएगा कि उनके द्वारा इस मासूम आतंकवादी को बचाने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा ताकि ये आतंकवादी संगठन हिन्दुस्तान को बरबाद करने के अपने मिशन से डगमगाएं नहीं। साथ ही उन्हें यह भी संदेश दिया जाएगा कि सारे सेक्युलरों और आतंकवाद समर्थक नेताओं का नैतिक समर्थन इन आतंकवादियों के साथ है।
सारे सेक्युलरों ने लामबंद होकर अपने सहयोगी आतंकवाद समर्थक देशद्रोही मीडिया को भी अपने एजेंडे से अवगत कर दिया है ताकि देशद्रोही मीडिया की सहायता से इस मुद्दे पर जमकर बवाल मचाया जा सके तथा भारतीय क़ानून व्यवस्था और अदालतों पर दबाव बनाया जा सके।
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