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मेरी शादी का कार्ड …

Truth..The Reality
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मेरा मानना है की दुनिया मे अगर कोई सबसे आसान काम है तो वो है दूसरों पर हँसना और मेरे ख्याल से हम सभी अपनी आधी से ज़्यादा ज़िंदगी यही काम करते रहते है.. मतलब दूसरों पर हंसते रहते है, पर दुनिया मे अगर किसी मुस्किल काम की बात की जाय तो शायद वो होगा खुद पर हँसना..तो कुछ ऐसी की कोशिश मे कर रहा हूँ और यही सोच कर मैने अपनी ये कविता लिखी है जिसका शीर्षक है ..

                                                       मेरी शादी का कार्ड

एक बार की बात है, सनडे का दिन था ऑफीस की छुट्टी थी और हम घर पर बैठे छुट्टी का आनंद ले रहे थे,
की तभी अचानक डोर बेल बजी, हमने उठकर जैसे ही दरवाजा खोला , तो सामने खड़ा पोस्टमेन बोला
ये लीजिए श्रीमान आपकी शादी का कार्ड. हमने पोस्टमेन की बात पर ध्यान नही दिया, और बस अपना दरवाजा बंद किया.
पर जैसे ही लिफाफे पर नज़र डाली, तो उस पर भी वही 4 शब्द लिखे थे..” आपकी शादी का कार्ड”
और उसके नीचे लिखा था..अगर कुछ नही समझे तो कार्ड खोलो और आगे पढ़ो.हमारी समझ मे कुछ नही आ रहा था.. सो हमने लिफ़ाफ़ा खोला और कार्ड पड़ना आरंभ लिया.लिफाफे पर सबसे उपर की तरफ एक श्लोक सा लिखा था, जैसा की हर कार्ड पर लिखा रहता है श्लोक कुछ विचित्र सा था और कुछ इस प्रकार था.

                                “आपकी शादी का कार्ड तो कई दिन से तेयार था,
                                  पर हमे तो आज के दिन का इंतजार था,
                                 बड़ी मुस्किल से ये शुभ घड़ी हे आई,
                                 प्यारे दोस्त बधाई हो बधाई………… ”

और उसके नीचे लिखा था..

परम पिता परमेश्वेर की असीमअनुकंपा से चिरंजीवी निशांत कुमार उर्फ बेवकूफ़ रामजी एवं आयुष्मती मूर्ख महारानी उर्फ बेवकूफ़ देवी का अशुभ विवाह आज 1 April सन 2009 को तय हुया है सो सभी श्रोताओं से अनुरोध है की नव वर वधू को आशीर्वाद प्रदान करें.

                                                  चिरंजीवी निशांत कुमार
                                                                   एवं
                                                  आयुष्मती मूर्ख महारानी

मे कार्ड तो पड़ता जा रहा था ..पर मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था. बस हाँ इस कार्ड को बनाने की साजिश मे मुझे पड़ोसी मुल्क का हाथ नज़र आ रहा था. इस पेज के आख़िर मे भी लिखा था ..अगर कुछ नही समझे तो पेज पलटो और आगे पढ़ो.

मैने पेज पलटा और अगला पेज देखा तो उस पर सबसे उपर की तरफ लिखा था..

                                                      शादी के कार्याक्र्म

1. सगाई — समय जब अपने कार्ड पड़ना आरंभ किया होगा ..अर्थाथ हो चुकी होगी..बधाई हो.
2. गघाचड़ी — समय जब अपने शादी के कार्याक्र्म पढ़ने आरंभ किए होंगे..अर्थाथ हो चुकी होगी..बधाई हो.
3.संपूर्ण शादी — बेटा अगर अभी भी कुछ नही समझे तो समझो की उसका भी वक़्त आ गया है.

इतना पड़ते भी हम गभराने लगे और हमे दिन मे भी तारे नज़र आने लगे पर अभी भी हमारी समझ मे कुछ नही आ रहा था पर मेरा सिर बड़ी ज़ोर से चकरा रहा था.

इस पेज के आख़िर मे भी लिखा था की अभी भी कुछ नही समझे तो आख़िरी पेज भी पढ़ लो.

मैने डरते डरते आखरी पेज खोला तो वैसे तो पूरा पेज खाली था ..बस लास्ट मे लिखा था “अति विशेष सूचना” इतना पड़ते ही हम मान ही मान मे बोले ..हे भगवान अब ये अति विशेष सूचना तो कुछ राज़ खोले.

अति विशेष सूचना कुछ इस प्रकार थी ..

ए हमारे प्यारे मित्र ..अगर तुम इस अति विशेष सूचना को पढ़ रहे हो तो ये समझ लो की हम अपने अपने कार्य मे पूरी तरहा से सफल हो गये है और इस कार्ड को बनवाने के सारे पैसे भी वसूल हो गये हे . क्युंकि ये ना तो किसी की शरारत है और ना हे किसी की भूल ..अभे गधे तारीख तो देख आज है April Fool !!!!

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