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आजकल जहाँ देखो और जिसे देखो बस “वर्ल्ड कप” की ही बाते करता है, और शायद करे भी क्यूँ नहीं, ये क्रिकेट का महा युद्ध है और क्रिकेट तो हर हिन्दुस्तानी के खून में बस्ता है..
World play cricket, but
Indians live with Cricket
पर कभी-२ लगता है, की ये हमारे खिलाडियों के लिए थोड़ी समस्या भी उत्पन्न कर देता है, मै मानता हुईं की हम सभी क्रिकेट से बहुत प्यार करते है और हमेशा अपने देश को जीतते हुए भी देखना चाहते है, मै खुद भी क्रिकेट का बहुत बड़ा दीवाना हूँ और जब भी हम हारते है तो बहुत दुखी होता हूँ, पर अगर हमें वर्ल्ड कप जितना है तो इसके लिए हमें थोडा धीरज भी रखना होगा, उन्हें खेलने का मौका देना होगा, बिना बात के अपने खिलाडियों पर टिपण्णी करने से खुद को रोकना होगा, ख़ासकर के नतीजा आने से पहले..
मै कल ही एक बलोग पढ़ रहा था जिसमे धोनी और पियूष चावला की काफी बुराई की गई थी, और कमेन्ट मै भाज्जी की बुराई थी. हमें ये बात समझनी होगी की, क्रिकेट की जितनी समझ हमें है, उससे ज्यादा कहीं धोनी, सचिन और हमारे कोच Gary Kirsten को है, और शायद इसी लिए वो वर्ल्ड कप खेल रहे है. (मुझे उम्मीद है इस बात से कोई मना नहीं करेगा..) . और सारे फैसले ये सब मिल जुल कर करते है. तो क्यूँ न ये फैसला भी उन्ही पर छोड़ दे की किसको खिलाना है और किसको नहीं.
अभी वर्ल्ड कप शुरू हुआ है और हमें बहुत दूर तक जाना है, हमारा लक्ष्य वर्ल्ड-कप जितना है और मेरे ख्याल से हमारे सरे खिलाडी इसी प्रयत्न में जी जान से लगे हुए है, और इस वक़्त हमें उनका हौसला बढाना चाहिए, न की जरा जरा सी बात पर दोष लगाना चाहिए. इससे कुछ हो न हो हमारे खिलाडियों पर बिना बात का अतिरिक्त दबाव बढ जायगा, जो की सही नहीं है..
हमें तो अपने देश के खिलाडियों की हिम्मत की दाद देनी होगी की कितना दबाव होने के बाद भी इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहे है और अभी तब इस वर्ल्ड कप मै हमारा प्रदर्शन अच्छा ही रहा है. तो मेरी सभी JJ Bloggers से request है की, जब तक वर्ल्ड कप ख़त्म न हो जाय, अपनी भावनाओ पर काबू रखे और खिलाडियों पर कोई टिपण्णी न करे…बस ये दुआ करो की हम जीतते जाय और वर्ल्ड कप जीत कर ही रुके…
क्रिकेट का एक दीवाना…
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