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उपराष्ट्रपति चुनाव: गोपालकृष्ण गांधी बनाम एम वेंकैया नायडू

अंतहीन
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राष्ट्रपति चुनाव के लिए सोमवार 17 जुलाई को मतदान हुआ, जिसमें लोकसभा-राज्यसभा के सांसद, देश के सभी राज्यों की विधानसभा व विधानपरिषद के विधायकों ने मतदान किया। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार 18 जुलाई को राजग व संप्रग के प्रत्याशियों ने नामांकन किया। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 10 अगस्त को होगा, जिसमें लोकसभा व राज्यसभा के सांसद भाग लेंगे।

naydu and gandhi

राजग यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (भाजपा व उसके सहयोगी दल) ने उपराष्ट्रपति के तौर पर एम वेंकैया नायडू को उम्मीदवार बनाया, तो संप्रग यानी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (कांग्रेस व उसके सहयोगी दल) ने गोपालकृष्ण गांधी को। नायडू का जन्‍म सामान्य कृषक परिवार में और गांधी का जन्‍म सम्पन्न व बड़े परिवार में हुआ है। नायडू एक किसान के पुत्र हैं, तो गांधी महात्मा गांधी के पोते व चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नाती। नायडू के पास राजनीतिक व संसदीय कार्य का अनुभव है, तो गांधी के पास प्रशासनिक, राजनयिक व राज्यपाल का। नायडू के उपराष्ट्रपति बनने की संभावनाएं ज्यादा हैं, जबकि गांधी की कम। आइए जानते हैं उपराष्ट्रपति चुनाव के दोनों उम्मीदवारों के विषय में।

एम वेंकैया नायडू यानी मुप्पवरपु वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई 1947 को चावटपलेम, नेल्लोर जिला, आंध्रप्रदेश में एक सामान्य कृषक परिवार में हुआ। वीआर कॉलेज, आंध्रप्रदेश से नायडू ने राजनीति तथा राजनयिक अध्ययन में स्नातक प्रथम श्रेणी में पास किया। आंध्र विश्वविद्यालय विशाखापट्टनम से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1972 में जय आंध्र आंदोलन के दौरान पहली बार सुर्खियों में आए। नायडू 1973-74 तक आंध्र विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल के समय लोकनायक जयप्रकाश नारायण से प्रेरित व प्रभावित होकर आपातकाल में सक्रिय रहे व जेल भी गए। 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण युवजन छात्र संघर्ष समिति के आंध्रप्रदेश राज्य के संयोजक रहे। 1978-85 तक आंध्रप्रदेश विधानसभा के दो बार सदस्य रहे। 1980-85 तक आंध्रप्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता रहे। 1985-88 तक आंध्रप्रदेश राज्य भाजपा के महासचिव रहे। 1988-93 तक आंध्रप्रदेश राज्य भाजपा के अध्यक्ष रहे। 1993-2000 तक भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव, भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति के सचिव व भाजपा के प्रवक्ता रहे। 1998 के बाद कर्नाटक राज्य से 3 बार राज्यसभा सांसद रहे। 30 सितंबर 2000 से 1 जुलाई 2002 के बीच अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे। 1 जुलाई 2002 से 5 अक्टूबर 2004 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। अप्रैल 2005 के बाद से भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष। 26 मई 2014 को केंद्र सरकार में शहरी विकास, आवास एवं गरीबी उन्मूलन व संसदीय कार्य मंत्री के रूप में मनोनीत हुए। 18 जुलाई 2017 को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वर्तमान में वे राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं।

गोपालकृष्ण गांधी का जन्म 22 अप्रैल 1945 को दिल्ली (ब्रिटिश कालीन भारत) में हुआ। देवदास गांधी-लक्ष्मी गांधी के पुत्र हैं। 1968 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं और 1985 तक तमिलनाडु राज्य में अपनी सेवाएं दीं। 1985-87 तक उपराष्ट्रपति के सचिव रहे। 1987-92 तक राष्ट्रपति के ज्वांइट सेक्रेटरी रहे। 1992 में यूनाइटेड किंगडम में भारतीय उच्चायोग में सांस्कृतिक मंत्री व लंदन में नेहरू सेंटर के निदेशक बनाए गए। 1996 में लेसोथो में भारत के उच्चायुक्त रहे। 1997-2000 तक राष्ट्रपति के सचिव रहे। 2000-2002 के बीच दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, नार्वे व आइसलैंड में भारतीय उच्चायुक्त व राजयनिक के रूप में कार्य किया। 2003 में आईएएस से स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए। 2004-09 तक पश्चिम बंगाल के 22वें राज्यपाल के रूप में रहे। अशोका विश्वविद्यालय में इतिहास व राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर हैं। इसके अतिरिक्त कुछ संस्थाओं में उच्च पदों पर कार्य कर चुके हैं। 1993 में मुम्बई में हुए बम ब्लास्ट, जिसमें 257 लोग हताहत हुए, के आरोपी याकूब मेमन की फांसी की सजा रद्द कराने के लिए राष्ट्रपति को 2015 में देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का हवाला देते हुए पत्र लिख चुके हैं।

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