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खत्म हुई “राज” नीति !

प्रयास
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ये लगती तो किसी फिल्म की कहानी की ही तरह है लेकिन ये कहानी फिल्मी बिल्कुल भी नहीं है। ये लगता तो किसी सपने की तरह है लेकिन ये सपना बिल्कुल भी नहीं है। सवा साल पहले राजनीति में उतरकर राज नीती को खत्म कर जनता की सेवा का संकल्प लेने वाली टीम केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजनीति के दलदल में बड़े-बड़े मगरमच्छ और घड़ियालों को पटखनी देने का न सिर्फ दम दिखाया बल्कि इसे कर भी दिखाया।

ये भारतीय राजनीति में पहली बार ही था कि सबसे बड़ा दल होने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ाने की बजाए अपने कदम पीछे खींचती हुई दिखाई दी। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद से लेकर अरविंद केजरीवाल के दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद तक जो कुछ हुआ उसकी शायद भारतीय राजनीति को आदत नहीं थी।

लेकिन दिल्ली की जनता के दिल में जगह बनाकर दिल्ली की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने के साथ ही केजरीवाल ने भारत के राजनेताओं को ये संदेश दे दिया कि अब उन्हें बदलना होगा क्योंकि भारतीय राजनीति में बदलाव का आगाज हो चुका है और अगर उन्होंने खुद को नहीं बदला तो आवाम उन्हें बदल देगी।

दिल्ली की आवाम के भरोसे को जीतकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा चुके अरविंद केजरीवाल अब सिस्टम में रहकर सिस्टम को कितना बदल पाएंगे ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद जिस सादगी और भरोसे के साथ केजरीवाल ने अपने वादों को पूरा करने का संकल्प दोहराया है वह दिल को छू लेने वाला था। चेहरे पर जनता से किए वादों को पूरा करने की ख्वाईश के साथ आम आदमी का राज लाने की चाहत के बीच केजरीवाल के मन में एक अंजाना डर भी था, जो उनकी जुबां पर भी आया कि कहीं भविष्य में ऐसी स्थिति तो निर्मित नहीं हो जाएगी कि “आप” ही की तरह किसी दूसरी पार्टी को फिर से जन्म लेना पड़ेगा।

जनता के भरोसे से दिल्ली की सत्ता की बोगडोर संभाल रही टीम केजरीवाल के अंदर इस डर का कायम रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि ये डर उन्हें उनके मकसद को याद दिलाता रहेगा और शायद आम आदमी पार्टी के गठन को सार्थक करन में मददगार भी सिद्ध होगा।

अपनी टीम के साथ टीम केजरीवाल क्या कर पाएगी..? क्या नहीं कर पाएगी..? इसका जवाब तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन टीम केजरीवाल ने “राज” नीति को पूरी तरह न सही लेकिन बदलाव के मुहाने पर जरूर लाकर खड़ा कर दिया है। फिलहाल तो टीम अरविंद के साथ दिल्ली की जनता को बधाई जिन्होंने “राज” नीति में एक आम आदमी के “राज” के मार्ग को प्रशस्त कर दिया है। उम्मीद करते हैं बदलाव की ये बयार दिल्ली से पूरे देश में बहेगी और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में वास्तव में आम आदमी का राज होगा।

deepaktiwari555@gmail.com

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