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सच में शहरी माओवादी हैं केजरीवाल?

Today`s Controversial Issues
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हाल के राजनीतिक घटनाक्रम पर यदि नजर दौड़ाएं तो कुछ ऐसी घटनाएं घटी हैं जिसने लोगों के सामने कई सवाल खड़े किए। भले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दिल्ली में चल रहा अभूतपूर्व धरना दिल्ली पुलिस के दो अधिकारियों को छुट्टी पर भेजे जाने के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया हो लेकिन उनके इस धरने ने उनके विरोधियों को अपनी आवाज बुलंद करने का मौका जरूर दे दिया है। भाजपा ने तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उनका संविधान में विश्वास नहीं है और जंगलों में जो माओवादी करते हैं, वैसा वह दिल्ली की सड़कों पर कर रहे हैं।


क्या सवाल उठाए जा रहे हैं ?


1. मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के बावजूद अरविंद ने अपने पद की गरिमा का ख्याल नहीं रखा।

2. जो समय उन्होंने धरने के लिए चुना उससे राष्ट्रीय उत्सव ‘गणतंत्र दिवस’ की अवमानना हुई है।

3. जिस चीज की वह मांग कर रहे थे उसकी जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके थे, फिर उनकी मांग का औचित्य रह ही नहीं जाता।

एक तरफ जहां विपक्षी पार्टी इन सवालों को लेकर ‘आप’ पार्टी को घेर रही है वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी भी दिल्ली की सुरक्षा के लिहाज से की गई मांग पर किए गए धरने को उचित ठहरा रही है।


आज का मुद्दा

एक मुख्यमंत्री का प्रदर्शन पर बैठना कहां तक उचित है?


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