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क्यों पसंद है राज ठाकरे को हिंसक राजनीति ?

Today`s Controversial Issues
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यह भारत की विशेषता है जहां हर नागरिक को अपनी जरूरी मांगों के लिए बात कहने तथा शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन और धरने पर बैठने का अधिकार है. लेकिन जब यही प्रदर्शन हिंसक रूप अख्तियार कर ले तो इसे कहीं ना कहीं सीधे संविधान और लोकतंत्र पर प्रहार माना जाता है. महाराष्ट्र में मुंबई और उसके आसपास के कई इलाकों में टोल नाकों पर तोड़फोड़ हुई. ये तोड़-फोड़ राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने की है.


दरअसल मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को कहीं भी टोल नहीं देने और टोल मांगने पर हंगामा, तोड़फोड़ और मारपीट करने की बात कही थी. राज ठाकरे का यह बयान उनकी राजनैतिक विफलता को दर्शाता है. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो मनसे का यह आंदोलन आने वाले चुनाव में उपद्रव का माहौल तैयार करने का प्रयास है. हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार, आने वाले चुनाव में मनसे की भारी हार होती दिख रही है, इसलिए वह विध्वंस, तोड़फोड़ और हिंसा से अपनी राजनीति साधना चाहते हैं जो वह हमेशा करते आए हैं.


वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का यह भी मानना है कि महाराष्ट्र में टोल टैक्स एक जंजाल की तरह है. पिछले महीने मोदी ने भी अपने मुंबई रैली में यह बात कही थी. मनसे के अलावा कई राजनीतिक पार्टियां टोल टैक्स के खिलाफ मिलकर आंदोलन चला रही हैं. इसकी एक वजह तो यह है कि कुछ हद तक लोगों को टोल टैक्स विरोध जायज लग रहा है. दरअसल लोगों को लगता है कि महाराष्ट्र में जगह-जगह टोल नाके हैं, उनमें से कुछ नाकों पर तो सड़कों की स्थिति काफी जर्जर है. ऐसे में टोल टैक्स देना उनके लिए काफी पीड़ादायक है.


आज का मुद्दा

टोल टैक्स पर राज ठाकरे की हिंसक राजनीति किस ओर इशारा करती है?

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