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मेरा एक विचार आपके सामने (जरूरी जानकारी )

मेरे विचार आपके सामने
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मेरा एक विचार आपके सामने
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आज के इस शिक्षा के युग में जब भी हम शिक्षा के क्षेत्र की ओर अपनी निगाह घुमाते हें तो ,एक गर्व का अनुभव होता है ।पूरे विश्व में भारत की पढ़ाई का डंका बज रहा है , हमारे महत्वपूर्ण संस्थानो जैसे आईआईटी या वैसे ही प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र पूरे  विश्व में अच्छे पेकेज पर बुलाये जाते हैं या विदेशों में अच्छे पदों पर नियुक्त हैं । हमारे छात्र जहां ओलंपियाड जैसी प्रतियोगिता में अव्वल आते हैं वहीं स्पेस सेंटर जैसी जगह पर जाने के लिए मुश्किल प्रक्रिया से गुज़र कर जाने के लिए अपनी प्रतिभा के बल पर सक्षम हैं इसका उदाहरण कल्पना चावला , सुनीता विलियम जैसे नाम हैं । इतनी तरक्की होने के बावजूद एक बात मुझे हमेशा खटकती है , वो है बच्चो को जो जानकारी समयानुसर महत्वपूर्ण होती है वह नहीं मिलती । मैंने कई स्कूलों के प्रधानाचार्यों से इस बाबत बात की थी ,थोड़ा सा परिवर्तन तो हुआ ,परंतु समय बदलते ही नतीजा वही ‘ढ़ाक के तीन पात ‘।
बात कुछ ज़्यादा बड़ी नहीं बस इतनी सी है कि मैं चाहती हूँ जब हम दूसरे विकसित देशों कि देखा -देखी हर स्तर पर अपनी स्थिति सुधारने कि कोशिश में हैं तो शिक्षा के क्षेत्र में भी बच्चों को कुछ ज़रूरी जानकारियाँ अवश्य होनी चाहिए जैसे :-
1-सड़क पर जाते समय किसी भी व्यक्ति या बच्चे के साथ एक्सीडेंट जैसी दुर्घटना होने पर सबसे पहले किन्हे फोन करें बच्चों को इसकी जानकारी हर स्कूलो में दी जानी चाहिए,साथ में डॉक्टर या अस्पताल या एंबुलेंस का फोन नंबर भी दें ।
2-कोई झगड़ा -फसाद या चोरी जैसी दुर्घटना होने पर , बच्चा किसे या किन को फोन करे ,उनका नाम व नंबर उनकी डायरी में लिखा होना चाहिए ।
3-कोई आग जैसी दुर्घटना होने पर किन को बच्चा फोन करे उसकी जानकारी उन्हे होनी चाहिए ।उनका नंबर ,नाम बच्चो कि डायरी मे लिखा होना चाहिए ।
4- अपने जिले के वर्तमान कमिश्नर का नाम व नंबर डायरी में लिखा होना चाहिए ।
5- अपने जिले के वर्तमान डिस्ट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट का नाम व नंबर हो ।
6- अपने पास के थाने के अधिकारी या थाने का फोन नंबर नोट हो ।
7- प्रधानाचार्य का निजी फोन नंबर आपातकालीन स्थिति के लिए बच्चो के पास होना जरूरी है ।
8- कोई भी अजीब सी ,दुर्लभ वस्तु दिख जाने पर पुरातत्व विभाग का फोन नंबर नोट हो ।
9-किसी भी दुर्लभ जानवर के फंस जाने पर ,उनकी दुर्घटना होने कि दशा में वन विभाग का फोन नंबर हो।
10 -हर बच्चे के पास उनकी क्लास टीचर का फोन नंबर अवश्य होना चाहिए ।
11- गंदा पानी या गंदगी के कारण होने वाली बीमारियों के लिए जिम्मेदार किसी भी शिकायत के लिए बच्चो को जागरूक करके उन दफ्तरों का नंबर भी देना चाहिए ।
किसी का ट्रांसफर या नंबर बदलने कि दशा में बच्चो को नया नंबर तुरंत दिया जाना चाहिए ।
रोज एक महापुरुष का विचार (थौट ) ब्लेक बोर्ड पर लिखा होना चाहिए ।इस विचार की महत्ता बताते हुये कक्षा की शुरुआत करनी चाहिए। रोज़ एक विचार लिखने की ज़िम्मेदारी रोज़ एक विध्यार्थी को सोंपनी चाहिए ।ताकि भविष्य में किनही कठिन परिस्थितियों में अपने आपको पाकर कोई विद्यार्थी किसी विचार से प्रेरणा ले सके ।
इन सब फोन नंबरों से ऑफिस या ओफिसरो के नाम से व उससे संबन्धित विभाग से जहां बच्चे इस जानकारी से अपडेट रहेंगे वहीं उनके परिवारजन भी उपरोक्त किसी भी स्थिति की दशा में वो संबन्धित विभाग में समय पर सूचना देकर किसी भी बड़ी दुर्घटना से खुद को व ओर लोंगों को भी बचा सकेंगे।
सिविक्स , हिस्ट्री इत्यादि में बच्चों को मुख्यमंत्री ,राज्यसभा ,लोकसभा, पंचायत इत्यादि तो पढ़ा दी जाती है ।जी के में वर्तमान प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति भी पूछ लिए जाते हैं । पर जिनकी आव्यश्क्ता कदम-कदम पर हमें पड़ती है उसपर कोई भी ध्यान नहीं देता , जबकि विदेशों में सबसे पहले बच्चों को यही शिक्षा दी जाती है ॥ …….. पूनम राणा ‘मनु’

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