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जुमलों की राजनीति

Udai Shankar ka Hindi Sahitya
Udai Shankar ka Hindi Sahitya
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जन से यही उम्मीद कि इन्हें जम कर जिताइये ।
मगर जुमले चुनावी थे जो उन्हें भूल जाइये । ।
सैनिक तो जान देने की सौगंध खायेगा ।
इनकी जमात जुमलों का जलवा दिखायेगा । ।
नेता जुबानी जंग जुमलों की लड़ेंगे ।
सरहद पे ज़ियाले मगर बेमौत मरेंगे । ।
जज़्बात को ये जनता के जमकर जगायेंगे ।
अगले चुनाव तक उन्हें फिर भूल जायेंगे । ।
गद्दीनशीन होके ये मौजें मनायेंगे ।
जनता को ये फिर खून के आँसू रुलायेंगे । ।
जुमलों के भरमजाल को रस्ता दिखाईये ।
जो काम करके दे उसे विजयी बनाइये । ।
( उदय शंकर श्रीवास्तव )
कटरा बाजार
गोण्डा, उ. प्र.
271503
मो: 8126832288
udai.srivastava@rediffmail.com

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