Menu
blogid : 27297 postid : 5

महात्मा गांधी का स्वच्छता प्रेम

Urcreator
Urcreator
  • 1 Post
  • 0 Comment

महात्मा गांधी स्वाधीनता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभा रहे थे। उनके एक आह्वान पर लोगों ने उनका साथ दिया। यह उन दिनों की बात है जब महात्मा गांधी को जेल जाना पड़ा। जेल में रहते हुए महात्मा गांधी ने अनुभव किया वह साफ सफाई की व्यवस्था ठीक प्रकार से नहीं थी। उनके आसपास गंदगी का अंबार था मक्खी-मच्छर जिसके कारण पनाह ले रहे थे। उसी प्रकार शौचालय भी काफी दिनों बाद साफ किया जाता था।  क्योंकि सफाई कर्मचारियों की कमी थी  और जो सफाई कर्मचारी थे वह भी भारतीय ही थे।

 

 

 

महात्मा गांधी से रहा नहीं गया उन्होंने सर्वप्रथम अपने आसपास कोठरी में साफ-सफाई किया। तदुपरांत जब उन्हें बैरक से बाहर आने को मिलता वह बाहर की साफ-सफाई भी किया करते थे। ऐसा करते देख अन्य कैदी महात्मा गांधी से पूछा करते थे महात्मा जी आप ऐसा क्यों करते हैं,  यह काम आपका नहीं है।

 

 

 

महात्मा गांधी सरलता से जवाब देते काम किसी का नहीं होता यह सभी को मिलकर करना चाहिए। अगर गंदगी से किसी को बीमारी होती है तो किसका नुकसान होगा। यदि गंदगी हम फैलाते हैं तो उसे साफ करना भी हमारा फर्ज बनता है। महात्मा जी निसंकोच और बिना शर्म के शौचालय भी साफ करने लगे ऐसा करते देख अन्य कैदियों का दिल भर आया और उन्होंने महात्मा गांधी के साथ हाथ बंंटाया जिससे उस जेल में सफाई की व्यवस्था सर्वोत्तम हो गई। वहां कोई कैदी अब गंदगी के कारण बीमार नहीं रहता था।

 

 

 

महात्मा गांधी के इस प्रयास में छोटे बड़े और ऊंच-नीच का भेद समाप्त करने में अहम योगदान दिया। लोगों को समझ में आया सफाई हर एक मानव की प्रवृत्ति होनी चाहिए। स्वच्छता के लिए सभी को प्रयत्न करना चाहिए। लोग महात्मा जी के अभियान में अब स्वेच्छा से भाग लेने लगे थे।

 

 

 

नोट: यह लेखक के निजी विचार हैं। इनसे संस्‍थान का कोई लेना-देना नहीं है।

Tags:   

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh