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आशा का दामन

मंथन- A Review
मंथन- A Review
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आशा का दामन

चाहत से चमत्कार भी होते हैं
शिद्धत से चाह कर तो देखो ज़रा
हो जाएगी कबूल हर दुआ
उठा कर हाथों को देखो ज़रा|


प्यार से सींच कर तो देखो ज़रा|

गर लगे कभी दुनिया बेरंग सी
घेरे हो मन को घोर निराशा
हो घना अँधेरा तो क्या हुआ
दीपक एक जला कर तो देखो ज़रा|

कौन भला है कौन बुरा
है वफा क्या, क्या बेवफाई
गैरों पर तोहमत लगाने से पहले
आईने में खुद को देखो ज़रा|

चमकाना हो भाग्य को तो
ढूँढ लाओ एक नयी रोशनी
बदल जाएगी बुरी तक़दीर भी
आशा का दामन थाम कर देखो ज़रा|

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