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अगर मेरी एक बेटी होती
फूलो से भी प्यारी होती
डरता दिल जमाने की हैवानियत से
पर डर को न खुद पर काबिज होने देती
नील गगन में उड़ने को उसको हौसला दिलाती
और उसको बतलाती
नही ऐसा मुकाम दुनियाँ में
जो तू चाहे और पा न सके
के मुश्किल डगर हो चाहे जितनी
न तुझको घबराना है
जुल्मो को न सहना एक पल
तू ही भद्र काली, ज्वाला है
तू कोमल कंचन काया है
पर चट्टान सी मजबूत है
दुष्टो को धूल चटाने की
तुझमे अप्रतिम क्षमता है
अबला नही, तू ज्वाला है
न तुझको घबराना है
आगे बढ़ने को बनी तू
बस आगे बढ़ते जाना है
मर्दो से न तुलना करना
तू अतुलनीय आभा है
चूला-चौका, बर्तन घर की दहलीज
में न तुझको बंधना है
रोटी पकाने से पहले
तूझे रोटी कमाना सिखना है
आगे संभावनाओ का समंदर
पार तुझको करना है
ये जीवन तेरा तुझको
अपने ढंग से जीना है
इस रंग भेद की दुनिया में
बस एक इंसानियत का ही रंग सच्चा है
इंसानियत के रंग में ही तुझको रंगना है
और अपना जीवन सफल बनाना है
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