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मानव जीवन की वास्तविकता हमेशा से ही एक रहस्य रही है संसार में। हर युग में इस रहस्य की तह में जाने के लिये जहां एक ओर विज्ञान अपने प्रयास में लगा रहा है, वहीं दूसरी तरफ आध्यात्मिकता और धर्म के अनुयायी इस की खोज निरंतर करते रहे है। यह अलग बात है कि प्रश्न आज भी एक शाश्वत पहेली बनकर हम सब के बीच है।………..
हर दिल अजीज़ #विनोद खन्ना जिन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे ‘हैंडसम’ नायकों में माना जाता रहा है, हमेशा ही सिल्वर स्क्रीन पर अपने स्टारडम के लिये पहचाने जाते रहें हैं।
उनकी दिलकश मुस्कान सदा ही उनके व्यक्तितत्व का एक खास हिस्सा रही थी। लेकिन उनकी इस मुस्कान के पीछे एक गहरी सोच रखने वाला ‘मन’ कई बार दुनियाँ के सामने आया था। शायद इसी मन ने उन्हें जीवन-मरण के रहस्यों से रु-ब-रु होने के लिये विवश किया होगा, तभी तो अपने जीवन के सफलतम दौर में भी सब कुछ त्याग कर वे आध्यात्मिकता की राह पर बढ़ चले थे।
उन्होंने इस यात्रा में क्या पाया था और कितने रहस्यों का निवारण कर पाए थे वे। यह विषय तो निःसन्देह उनकी निजि और आंतरिक साधन का विषय था, अतः इस बारे में बात करना तो नितांत ही व्यक्तिगत होगा। बरहाल उनकी इस आध्यात्मिकता का स्पष्ट और सुंदर पक्ष जब देखने को अवश्य मिला, जब वह अपनी फिल्मी पारी से आगे बढ़कर समाज सेवा से जुड़ी राजनीति में आएं।
पंजाब के गुरदासपुर से तीन बार सांसद रहने के दौरान और फिर पठानकोट में जिस तरह उन्होंने जनसाधारण के लिये हर संभव आगे बढ़कर काम किया, वह अपने आप में एक उम्दा उदाहरण है। शायद यही थी उनके जीवन की आध्यात्मिकता यात्रा की प्राप्ति जिसके फलस्वरूप उन्होंने जीवन और जीवन के मायने सिखाती विचारधारा को न केवल खुद अपनाया बल्कि जाने से पहले, अपने साथ जुड़े कार्यकर्ताओं को भी बतौर विरासत दे गए।….
बेजोड़ कलाकार, अजीम शख्सियत, हरफनमौला अंदाज, अपने वजूद से जुड़ाव और सबके लिए कुछ करने का जज्बा। बस यही थी इनका संपूर्णता। कभी न भुलाया जाने वाला शख्स। विनोद खन्ना।
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-वीर
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