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पाकिस्तानी हमला की आज देश -विदेश में पूर्वे में हुए हमलों की भांति लगातार चर्चाएं हो रही है मानो ये
हमला पहली बार हुआ हो.ये
कुछ नया नहीं था .वर्षों से हमारी सेना , सुरक्षा बालों एवं पुलिस को हमारे ही देश में घुसकर मार जा
रहा है तो बात पाकिस्तान को
नक़्शे से मिटाने की कैसे हो
सकती है
आज एक अति गंभीर
प्रशन और भी है जिस पर कोई
चर्चा नहीं हो रही है.वो ये
है की हमारे देश के वो जांबाज़ जिन पर देश की सुरक्षा
का दायित्व है अपनी सुरक्षा
क्यों नहीं कर पा रहे है ? क्या
ब्रिगेड मुख्यालय की सुरक्षा
ऐसे होती है .आतंकियों का कैंप में घुसकर आना ही एक
गंभीर घटना होनी चाहिए थी इस पर भी वे 18 जवानों को मौत के घर उतार
गए .सेना पर बार बार हमला
होना देश में सरकार और सैनिक अधिकारियों को चुप
रहने के लिए मजबूर कार्य है. इस घटना के लिए ब्रिगेड
मुख्यालय के सुरक्छा प्रभारी
सीधे दोषी हैं और उन्हें दण्डित किया जाना चाहिए देश
के प्रभारियों की सुरक्षा देश
में ही सुरक्षित नहीं तो देश कैसे सुरक्षित ?
एक विचारणीय तथ्य ये
भी है की हम अन्य देशों के
बयानों को अपना समर्थन
मानने की भूल न करें ,जब तक
की उनके कोई ठोस कदम न हो.
अन्य देश पाकिस्तान को दण्डित
न करें.
अति महत्वपूर्ण बात जब
अमेरिकी संसद अमेरिका में पाक को आतंकी राष्ट्र की मांग
ला सकते है तो भारत में देरी
क्यों ? भारत को तो सबसे पाहिले पाक को आतंकी राष्ट्र
घोषित करने की पहल करनी चाहिए थी.
—————विमल कीर्ति वर्मा
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