सही तो कहते हैं कि जिंदगी की दौड़ में हम सब कुछ पीछे छोड़ जाते हैं, यहां तक कि अपनी खुशी भी. जीवन में बड़ी-बड़ी ऊंचाईयों को छूने के चक्कर में हम ये तक भूल जाते हैं कि हमारा इस जिंदगी व अपने आसपास के वातावरण के प्रति भी कुछ कर्तव्य बनता है. आज जब हम अपनी जिंदगी की किताब के कुछ पिछले पन्नों को पलट कर देखते हैं तो मालूम पड़ता है कि उस वक्त जब हम परेशान थे तो कोई था जो हमें हिम्मत दे रहा था, उस वक्त जब हमें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था तो कोई था जिसने हमें राह दिखाई थी और उस वक्त जब हम कुछ गलतियां कर रहे थे तो कोई था जो हमें सुधारने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा था.
हमारे जीवन को समझने व हमें आगे बढ़ाने में बेशक हमारे मां-बाप का एक बड़ा हाथ है लेकिन उनके अलावा कोई और भी है जिसने कुछ न चाहते हुए भी हमें एक अच्छा इंसान बनाया, हमें वो बनाया जो हम आज हैं. देखिए इस वीडियो में एक शिक्षक व एक छात्र का ऐसा रिश्ता जो सभी रिश्तों से अनमोल है:
Read Comments