तीन दिन पहले भारत में लोकतंत्र की जीत हुई, लेकिन यह जीत अपनों पर ही थी और इस जीत की एक खास बात थी और वह थी एक अकेले इंसान ने देश की सरकार को झुका दिया. अन्ना हजारे नामक एक सामाजिक कार्यकर्ता ने जन लोकपाल विधेयक के लिए अनशन क्या किया सरकार ने पिछले कई सालों से ठंडे बस्ते में पड़े इस विधेयक पर काम करना शुरु कर दिया है.
आज देश की आबादी इतनी बढ़ चुकी है कि चीन और अन्य देश अब छोटे लगने लगे हैं लेकिन इस जनसंख्या का एक बहुत बड़ा हिस्सा आम आदमी का है जिसका सारा जीवन खाने-पीने की वस्तुएं इकट्ठा करने और अपना परिवार के भरण-पोषण में निकल जाता है. लेकिन उस आम आदमी में इतनी ताकत होती है कि वह चाहे तो देश के शासन की तस्वीर पल में बदल सकता है और शायद इसी को लोकतंत्र कहते हैं.
यमन से लेकर लीबिया तक आम जनता ने ही तो बरसों से खुद पर अत्याचार करते हुए सिस्टम को उखाड़ फेंका है. और यह सब तभी मुमकिन हो पाया है जब आम इंसान जागा है तो क्यूं ना हम भी जागें, आखिर कब तक एक गलत सिस्टम के लिए खुद को बदलेंगे, क्यूं ना इस सिस्टम को ही बदल दें. पहल कीजिए, जागिए और जगाइए.
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