परिवार बंट जाते हैं, सरहदों के बंटवारे के साथ देश भी बंट जाते हैं लेकिन उनके साथ जो नहीं बंटता वह है दिलों का रिश्ता! रिश्ता जो है प्यार का, जुड़ाव का, दोस्ती का और यादों का, इसे कभी कोई सरहद बांट नहीं सकती, अगर कुछ बंट सकता है तो वह है बस जमीन.
भारत-पाकिस्तान का बंटवारा जितनी बड़ी त्रासदी दंगों के कारण थी, उतना ही त्रासद वह उन लोगों के लिए भी रहा है जिन्होंने उस बंटवारे में अपने करीबियों को सरहदों के पार खो दिया. आज भी वे दिल से उनसे जुड़े हुए हैं पर उनके साथ के वो लम्हें उनके लिए बस खूबसूरत यादें हैं, वे उन्हें दुबारा जी नहीं सकते. सरहदों की ये दूरियां मिटाने की ताकत भले ही आज हिंदुस्तान-पाकिस्तान सल्तनतों के पास भी नहीं है लेकिन अब कोई ऐसा आ गया है जो ये दूरियां मिटा सकता है और बड़ी आसानी से मिटा रहा है…
गूगल अपने नए विज्ञापन ‘री-यूनियन’ में शायद यही संदेश लोगों को देना चाहता है. भारत-पाक बंटवारे में बिछड़े दोस्तों पर आधारित यह भावुक वीडियो तकनीकी जगत से अलग आम भारतीयों की आम भावनाओं से जुड़ाव महसूस कराती है और लोगों को पसंद भी आ रही है. इंटरनेट सर्च इंजन में शीर्ष स्थान रखने वाले गूगल का अपने विज्ञापन में खास तौर पर भारतीय भावनाओं को दिखाना भारत में बढ़ते इंटरनेट के उपयोग और उसमें असीम संभावनाओं को लक्षित करने की गूगल की नई नीति साफ दिखाई देती है.
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Google’s New Ad Commercial In India
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