कई लोग मानते हैं क्रिकेट की दुनिया में राहुल द्रविड़ का मतलब पिच पर खड़े होकर गेंदों को पूरा करना है. लेकिन इस महान बल्लेबाज की रूपरेखा जो भी इस तरह तैयार करता है उसके लिए जवाब सिर्फ उनका बल्ला और उनका प्रदर्शन है. साल 2003 में हैदराबाद में खेले गए एक मैच में द्रविड़ ने मात्र 22 गेंदों में 50 रन बनाए थे. यह वह समय था जब क्रिकेट में टी-ट्वेंटी का नामोनिशान नहीं होता था.
उस समय जिसने भी द्रविड़ की बल्लेबाजी को देखा वह सिर्फ एक ही बात कहता है “द्रविड़ जैसा कोई नही”. अपनी टीम की जरूरत में द्रविड़ ने अपने पारंपरिक खेल के विपरीत छक्के-चौक्कों से भरी एक पारी खेल भारत की जीत को सुनिश्चित किया था.
आइए नजर डालें राहुल द्रविड़ की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक पर जिसने उन्हें क्रिकेट की दुनिया का दबंग बना डाला:
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