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यह कैसा जलाभिषेक, धारा में बहे शिव


नदी की धारा मनचली होती है, किसी की नहीं सुनती, कुछ नहीं देखती. इसके वेग के आगे भगवान भी कभी-कभार बेबस हो जाते हैं. ऋषिकेश में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है, जहां भगवान शिव की सालों पुरानी मूर्ति जलमग्न होकर बह गई. कहा जाता है कि भगवान शिव की जटा में गंगा जी समाई हुई हैं. लेकिन गंगा है तो एक नदी और उसके वेग में जो सामने आएगा उसे वह जरुर प्रभावित करेगी. यह मूर्ति सालों पुरानी है और लंबाई में 10 फीट की थी. इस समय गंगा में तेज बहाव और पानी की अधिकता के कारण यह मूर्ति जो कुछ दिन पहले लगभग 8 से 9 फीट तक जलमग्न हो चुकी थी, अब गंगा में विलीन हो चुकी है.



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