कहते है कि प्रयोगसिद्ध होना, जिसे हम एम्पिरिकल लर्निंग भी कहते हैं, मनुष्य जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती है. क्योंकि एम्पिरिकल लर्निंग के अंतर्गत हम थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों तथ्यों से ज्ञान अर्जित करते हैं. और यही तथ्य योग साधना करते समय भी लागू होते हैं. क्योंकि गलत तरीके से योग करने से लाभ की जगह हानि होती है.
कपालभाती और अनुलोम-विलोम दो ऐसे प्राणायाम हैं जो अधिकतर लोगों के द्वारा किए जाते हैं. दिखने में तो यह योग साधारण लगते हैं लेकिन फिर भी हम लोग इन योगों को सही ढंग से नहीं कर पाते हैं. कपालभाती और अनुलोम-विलोम प्राणायाम करते समय हमें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
कपालभाती प्राणायाम
कमर दर्द, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारी और हार्निया के मरीज़ धीरे- धीरे करें. इसके अलावा कपालभाती प्राणायाम करते समय शरीर स्थिर रखें.
अनुलोम-विलोम
ज़ोर से ना करें कान के पर्दे खराब हो सकते हैं और चेहरे पर सहजता और प्रसन्नता बनाए रखें
वीडियो में देखें योग करने के सही तरीके
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