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अन्ना बीमार क्यों ?

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आज कल अन्ना को ” दवाओं से किया गया बीमार ” के समाचार की बड़े ही व्यापक रूप से चर्चा है , अख़बार और टेलिविज़न दिन रात इस बारे में राग अलाप रहे हैं , हो सकता है समाचार में सत्यता हो या न भी हो , इस बारे में कुछ कह पाना असंभव नहीं तो मुश्किल ज़रूर है .

प़र एक बात कहना कतई मुश्किल नहीं है , वह यह कि अन्ना टीम के खासम- खास माने जाने वाले अरविन्द केज़ेरीवाल , किरण बेदी , मनीष सिसोदिया जैसे लोग , जिनका दावा रहता है कि वह लोग अन्ना की पल -पल कि खबर रखते हैं , इस बात के बारे में क्यूँ कर नहीं जान सके . कि अन्ना को गलत दवाएं दी गयीं जिनसे अन्ना को नुकसान पहुंचा और उनकी हालत बराबर बिगडती गयी .
पहले अन्ना को गुडगाँव के मेदान्ता अस्पताल में ले जाया गया फिर पुणे के अस्पताल में .ज़ाहिर है कि इलाज क़ी सारी व्यवस्था अन्ना टीम क़ी देख रेख में हुई और अस्पतालों और डाक्टरों का चयन भी अन्ना टीम ने किया .
अगर ” दवाओं से किया गया बीमार ” समाचार में रंच मात्र भी सत्यता है , तो इसकी सारी ज़िम्मेदारी अन्ना टीम क़ी ही है .
चूँकि ” दवाओं से किया गया बीमार ” यह समाचार व्यापक रूप से प्रचारित और प्रसारित हुआ है और इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप जनता में विभिन लोगों , खास कर सरकार के प्रति संशय पैदा हुआ है , अतः देश हित में इस समाचार क़ी सत्यता क़ी निष्पक्ष और त्वरित जाँच अति आवश्यक है .
जाँच क़ी परिधि में अन्ना टीम के उन सदस्यों को भी शामिल किया जाना चाहिए जो अन्ना के अति निकट और अति विश्वस्त माने जाते हैं .
सत्ता , पैसा और अधिकार किसी के लिए भी लालच का कारण बन जाते हैं और बड़े से बड़ा त्यागी भी लोभ करने से नहीं बच पता .कंही ऐसा तो नहीं है क़ी, अन्ना टीम के लोगों ने ही षड्यंत्र कर अन्ना के इलाज में जान-बूझ कर गड़बड़ी क़ी हो , शक क़ी गुंजाईश इस लिए भी है क़ि, दिल्ली में अन्ना के अनशन के समय अन्ना टीम के लोगों के सरकारी डाक्टरों को अन्ना की जांच करने से रोक दिया था और अपनी पसंद के निजी डाक्टरों से अन्ना की जाँच करायी थी और बाद में भी , दिल्ली के मशहूर डाक्टरों और अस्पतालों को दरकिनार कर अन्ना को गुडगाँव के मेदान्ता अस्पताल ले जाया गया .
बहरहाल जो भी हो , समाचार की निष्पक्ष जांच ज़रूरी है और देशहित में भी .

आज कल अन्ना को ” दवाओं से किया गया बीमार ” के समाचार की बड़े ही व्यापक रूप से चर्चा है , अख़बार और टेलिविज़न दिन रात इस बारे में राग अलाप रहे हैं , हो सकता है समाचार में सत्यता हो या न भी हो , इस बारे में कुछ कह पाना असंभव नहीं तो मुश्किल ज़रूर है .

प़र एक बात कहना कतई मुश्किल नहीं है , वह यह कि अन्ना टीम के खासम- खास माने जाने वाले अरविन्द केज़ेरीवाल , किरण बेदी , मनीष सिसोदिया जैसे लोग , जिनका दावा रहता है कि वह लोग अन्ना की पल -पल कि खबर रखते हैं , इस बात के बारे में क्यूँ कर नहीं जान सके . कि अन्ना को गलत दवाएं दी गयीं जिनसे अन्ना को नुकसान पहुंचा और उनकी हालत बराबर बिगडती गयी .
पहले अन्ना को गुडगाँव के मेदान्ता अस्पताल में ले जाया गया फिर पुणे के अस्पताल में .ज़ाहिर है कि इलाज क़ी सारी व्यवस्था अन्ना टीम क़ी देख रेख में हुई और अस्पतालों और डाक्टरों का चयन भी अन्ना टीम ने किया .
अगर ” दवाओं से किया गया बीमार ” समाचार में रंच मात्र भी सत्यता है , तो इसकी सारी ज़िम्मेदारी अन्ना टीम क़ी ही है .
चूँकि ” दवाओं से किया गया बीमार ” यह समाचार व्यापक रूप से प्रचारित और प्रसारित हुआ है और इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप जनता में विभिन लोगों , खास कर सरकार के प्रति संशय पैदा हुआ है , अतः देश हित में इस समाचार क़ी सत्यता क़ी निष्पक्ष और त्वरित जाँच अति आवश्यक है .
जाँच क़ी परिधि में अन्ना टीम के उन सदस्यों को भी शामिल किया जाना चाहिए जो अन्ना के अति निकट और अति विश्वस्त माने जाते हैं .
सत्ता , पैसा और अधिकार किसी के लिए भी लालच का कारण बन जाते हैं और बड़े से बड़ा त्यागी भी लोभ करने से नहीं बच पता .कंही ऐसा तो नहीं है क़ी, अन्ना टीम के लोगों ने ही षड्यंत्र कर अन्ना के इलाज में जान-बूझ कर गड़बड़ी क़ी हो , शक क़ी गुंजाईश इस लिए भी है क़ि, दिल्ली में अन्ना के अनशन के समय अन्ना टीम के लोगों के सरकारी डाक्टरों को अन्ना की जांच करने से रोक दिया था और अपनी पसंद के निजी डाक्टरों से अन्ना की जाँच करायी थी और बाद में भी , दिल्ली के मशहूर डाक्टरों और अस्पतालों को दरकिनार कर अन्ना को गुडगाँव के मेदान्ता अस्पताल ले जाया गया .
बहरहाल जो भी हो , समाचार की निष्पक्ष जांच ज़रूरी है और देशहित में भी .

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