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” सत्यमेव जयते ” जैसे नयी बोतल में पुरानी शराब
आमिर खां के ” सत्यमेव जयते ” के दो एपिसोड , पिछले दो रविवार को दिखाए गए , पहले
एपिसोड में भ्रूण हत्या और दूसरे में बाल शोषण का मुद्दा उठाया गया . ऐसा नहीं हैं क़ि ये मुद्दे पहले कभी नहीं उठाये गए .
भ्रूण हत्या का मुद्दा तो दो पत्रकारों ने कई साल पहले उठाया था और बाकयदा इसके सबूत भी स्टिंग आपरेशन में दिए गए , और बाल शोषण का मुद्दा आये दिन उठता ही रहता है , कहने का मतलब दोनों ही मुद्दे ज्वलंत है , किसी से छिपे नहीं है , प़र किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया और गया भी तो किसी ने कुछ नहीं किया .
मगर आमिर खान द्वारा इन्हीं मुद्दों को उठाते ही जैसे भूचाल सा आ गया , आखिर क्यूँ . आमिर खान ने क्या खास किया , इस प़र विचार करना इस लिए भी ज़रूरी है क़ि क्या किसी मुद्दे को उठाने के लिए क्या किसी सेलेब्रेटी का होना ज़रूरी है तभी उस मुद्दे की ओर ध्यान दिया जाता है.
करोड़ों कमाएंगे सिर्फ विज्ञापन से :
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टीवी पर 13 एपिसोड वाले इस शो की लागत विज्ञापन से निकल जाएगी। बताया जाता है कि विज्ञापन से करीब 76 करोड़ की आय होगी, जो जिससे इस शो का पूरा खर्च निकल जाएगा। इस शो में दस सेकंड के विज्ञापन से करीब दस लाख रुपए की आय होगी। शो में स्पांसर भी खर्च कर रहे हैं। प्रेजेंटिंग स्पांसर भारती एयरटेल ने लि. ने 18 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, वहीं एक्वागार्ड ने 16 करोड़ की राशि खर्च की है। साथ ही अन्य 6 स्पांसर से भी 7-7 करोड़ की राशि खर्च की है।
मुद्दे पुराने पर उनका प्रस्तुतिकरण नए तरीके से , बेहतर मार्केटिंग , प्रस्तुतीकरण , फिल्म के रूप के इफेक्ट्स अच्छे, धुआंधार प्रचार , कार्पोरेट जगत का खुले दिल से पैसा लगाना , ऊपर से आमिर खान का नाटकीय अभिनय और उनका सेलेब्रेटी होना ( सत्य मेव जयते ) जैसे नयी बोतल में पुरानी शराब जैसा ही है .चलो आमिर के नाम का असर कम से कम काम तो कर रहा है .व्यवसायिक प्रोजेक्ट को सामाजिकता का मुलम्मा पहनाने का इस से अच्छा नमूना ही ही नहीं सकता. इस शो का एक फ़ायदा तो हुआ कि सरकार चलाने वाले लोगों को आमिर से डर तो लगा.
रही बात आमिर खान के आंसू बहाने (द्रवित ) होन क़ी तो ये फिल्म या सीरियल से जुड़े लोगों क़ी एक सामान्य प्रक्रिया है (जैसे आमिर सत्यमेव जयते में द्रवित हो रहें है वैसे ही स्टार प्लस के चैलेनजर के जजेज़ को आंसू बहाते देखा जा सकता है ) , सिर्फ और एक सिर्फ एक फ़िल्मी स्टाइल .
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