Bhavbhoomi
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जीवन का मतलब जीना हर क्षण है .
विगत दिवस की वेदना को जाओ भूल
चुभे न आगत की चिंताओं के शूल
व्यर्थ भुलावों में लोग जब खो जाते हैं
जो समक्ष है उसे समझ कहाँ पाते हैं
व्यर्थ बंधनों से मुक्ति चाहता मन है
जीन्रे का मतलब जीना हर क्षण है .
क्या धूमिल होकर कभी रवि आया है ?
क्या विहगों को कभी विषाद भाया है ?
समय कहाँ शोक का धरा –गगन के पास
प्रकृति मनाती है नित नूतन उल्लास
अपनी गति ,अपनी लय में कण –कण है
जीवन का मतलब जीना हर क्षण है .
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