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सभी दोस्तों और बड़े बजुर्गो को प्रणाम ……
देश में सियासी उबाल आ चुका है मतलब अपने देश की राजनीती में . महाकुम्भ में सबसे बड़ा अखाड़ा है संघ और वीएचपी और बीजेपी का चुकी कुम्भ की दुब्कियो में बीजेपी को झा अपनी जमीन की तलाश है वाही संघ को हिन्दुत्त्व की चिंता और वही वीएचपी को मंदिर वही बनायेंगे ! दोस्तों , जो भी हो यह कुम्भ वाकई ख़ास है चुकी सुस्त पड़ी बीजेपी फिर से chust हो रही है वही मीडिया भी अब साम्प्रदायिक घोषित हो चुकी पार्टी को अच्छे खासे भाव दे रहा है यह अलग बात है की उसकी trp कुम्भ में बढ़ रही है और बीजेपी संघ इसमें एक छोक है ……..
जो भी हो बीजेपी एक बार फिर अपने मुद्दों की तरफ लोट रही है जिसमे राम मंदिर प्रमुख है चलिए ये तो देश के हिन्दुओ के लिए शुभ संकेत है और बीजेपी के लिए भी ! लेकिन इस हिन्दुत्त्व में अब उसे मुद्दे बदलने की जरूरत है दरअसल जिस राम का सहारा लेकर बीजेपी सत्ता में आई थी और आडवाणी एक हीरो की तरह उभरे वह एक माहोल था देश का उस समय का ! जिसमे आडवाणी का रथ बुरी तरह सेकूलर पार्टियों की जमीन को रोंधता हुआ दोड़ा था और हिन्दुओ में नवजागरण हुआ था ! लेकिन आज का हिन्दू बदल गया है ! दरअसल उसे बदला है इस मीडिया ने , राजनेताओं ने और शायद खुद बीजेपी संघ के उदासीन रवैये ने . आज हिन्दू समुदाय के मन में एक बात यह घर कर गयी है की मंदिर रोजगार नही देगा मंदिर से विकास नही होगा , राम के मंदिर लाखो है राम हमारे दिल में हैं ! और सबसे महत्वपूर्ण बात आज हिन्दू समुदाय ने अपनी सहूलियत के हिसाब से नये नये भगवान् भी बना लिए है गुरु बना लिए है जो इन्हें समय समय पर सेकूल्रिस्म और सद्भावना , हिन्दू मुस्लिम भाई भाई का पाठ पढ़ते रहते है कुछ सेकूलर बाबाओ ने तो हिंदुत्व पर गहरा प्रहार भी किया है जिसमे हिन्दू का स्वाभिमान कमजोर हुआ है ! दरअसल भूखा और जातिवाद का मारा हिन्दू आज इंसान या राधा स्वामी बनने को मजबूर है ! एसे हालत में अशोक सिंघाल साहब कह रहे है मंदिर वही बनायेंगे ! और बीजेपी का अभूतपूर्व भट्ठा बैठाने वाले राजनाथ नर्म शैली में कहते है की मंदिर बना हमारी प्राथमिकता है ! दोस्तों , आखिर ये बीजेपी और संघ , विहिप किस और जा रहे हैं ?
क्या वह इस वहम में जी रहे है की हिन्दू समुदाय मंदिर और धारा ३७० पर बीजेपी को वोट देगा ! दरअसल बीजेपी अब भी देश का मूढ़ समझ ही नही पा रही है ! देश के सामने समस्या है भ्रष्टाचार , महंगाई , आतंकवाद , और इन सबसे भी बड़ी साम्प्रदायिकता या कहे झूठी धर्मनिरपेक्षता ! लेकिन बीजेपी हिन्दुत्त्व की और लोटते हुए भी जनता की से जुड़े मुद्दे उछालने में असफल है ! दरअसल जिस कुम्भ में इसके नेता डूबकिया लगा रहे है और वही वाडे कर रहे है उसी इलाहबाद यानी प्रयाग में गंगा , यमुना और सरस्वती का संगम होता है ! सरस्वती जी तो लुप्त हो गयी है लेकिन वर्तमान में गंगा और यमुना है जिसमे गंगा की लोकप्रियता आज न सिर्फ देश में है अपितु समूचे विश्व में है गोर और काले गंगा के जल का महत्व समझ रहे है ! लेकिन अफ़सोस की भारत पर शासित ६४ सालो से सत्ताधीशो ने इसका महत्व नही समझा ! करोडो लोगो को जीवनदान देने वाली गंगा का अस्तित्त्व वोट बैंक और सत्ताधीशो के निकम्मेपन के चलते खतरे में है ! ऐसे में यदि खुद को हिन्दुओ के मसीहा फन्ने खान कहने वाले लोग भी इसकी अनदेखी करते है तो बड़ा तरस अत है मेरे देश की भोली जनता पर ! लेकिन उससे भी ज्यादा तरस बीजेपी और उससे जुड़े संघठनो पर आता है जो वोट बैंक की तलाश में तो है लेकिन मुद्दे सामने है ! जी हाँ गंगा ,,,गंगा ही वह मुद्दा है जो वर्तमान में सम्पूर्ण हिन्दू समुदाय को एक कर सकता है उनमे स्वाभिमान पैदा कर सकता है और बीजेपी की बंजर पड़ी जमीन गंगा का पवित्र जल ही सत्ता की हरी भरी फसल भी लाह ;लहै सकता है !
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