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पश्चिमबंगालकेविधानसभाचुनावमेंतृणमूलकांग्रेसकीनेताऔरमुख्यमंत्रीममताबनर्जीनेजिसतरहचुनावआयोगकेनोटिसकेजवाबमें 19 मई (चुनावपरिणाम) केबाद ‘इंच–इंच’बदलालेनेकीधमकीदीहै।वहदेशकीलोकतांत्रिकव्यवस्थाकेलिएघातकहै।चुनावोंकीनियामकसंस्थाकेरूपमेंचुनावआयोगप्रत्याशियोंऔरराजनैतिकदलोंपरनजररखताहैताकिचुनावोंमेंकिसीप्रकारकीधांधलीनहो।चुनावोंकेलिएआदर्शचुनावआचारसंहिताभीबनाईगईहै।इसकेउल्लंघनपरचुनावस्थगितभीकियाजासकताहै।लेकिनबीतेकुछवर्षोंमेंआयोगकेढुलमुलरवैयेकेकारणराजनेताबेखौफहोकरआचारसंहिताकाउल्लंघनकररहेहैं।मुलायमसिंहयादव, सोनियागांधीऔरनरेंद्रमोदीनेचुनावोंकेदौरानखुलेआमआचारसंहिताकीधज्जियांउड़ायींलेकिनइनकेखिलाफकार्रवाईकेनामपरसिर्फखानापूरीहीकीगई।आयोगकेरवैयेसेराजनेताओंकेहौंसलेइतनेबुलंदहोगएहैंकिममताबनर्जीनेनोटिसजारीकरनेपरनिर्वाचनआयोगकोखुलेमंचसेधमकीतकदेदी।
भारतनिर्वाचनआयोगएकस्थाईसंवैधानिकनिकायहैजिसकीस्थापना 25 जनवरी 1950 कोकीगई।लेकिनचुनावआयोगदसवेंनिर्वाचनआयुक्तटीएनशेषनकेकार्यकालमेंसबसेज्यादाचर्चामेंरहा।दिसम्बर 1990 सेदिसम्बर 1996 तककेअपनेकार्यकालकेउन्होंनेकईसख्तनिर्णयलिएजिसकेपरिणामस्वरूपदेशकीचुनावप्रक्रियामेंआमूलचूलपरिवर्तनआगए।चुनावसुधारकेलिएउन्होंनेराजनैतिकदलोंकेतीखेविरोधकेबावजूदमतदातापहचानपत्रकेबिना 1995 केबाददेशमेंकोईचुनावनकरानेकाऐलानकिया।उनकेइसनिर्णयकीवजहसेकईराज्योंकेचुनावस्थगिततककरनेपड़े।इसकेअलावाचुनावोंमेंप्रचारपरबेतहाशाखर्चऔरशराबपरनियंत्रणशेषनकेप्रयासोंसेहीसंभवहोसका।बतौरआईएएसअधिकारीअपनीनौकरीकाअधिकांशहिस्सानिष्ठावानलोकसेवककेरूपमेंबितानेवालेशेषनमुख्यचुनावआयुक्तबनतेहीराजनेताओंकेलिए ‘खुखार’होगए।चुनावआचारसंहिताकाउल्लंघनकरनेपरउन्होंनेबड़ेबड़ेनेताओंपरभीकार्रवाईकरनेमेंसंकोचनहींकिया।उन्होंने हिमाचलप्रदेशकेतत्कालीनराज्यपालगुलशेरअहमदकेपुत्रकाचुनावस्थगितकरदियाथाजिसकेबादगुलशेरअहमदकोअपनेपदसेइस्तीफादेनापड़ा।उनपरराज्यपालरहतेहुएअपनेबेटेकेपक्षमेंचुनावप्रचारकरनेकाआरोपथा।इसकेअलावाराजस्थानकेतत्कालीनराज्यपालबलिरामभगतऔरपूर्वमंत्रीकल्पनाथरायजैसेकद्दावरनेताओंकोभीशेषनकीटेड़ीनजरकेसामनेझुकनापड़ा।टीएनशेषनकोकानूनसेकोईअतिरिक्तअधिकारहासिलनहींथे।उन्होंनेइच्छाशक्तिकेबलपरकानूनकासख्तीसेपालनभरकियाथा।
टीएनशेषनकाकार्यकालसमाप्तहोनेकेबादसेचुनावआयोगनिष्तेजहोताचलागया।लोकसभाचुनाव 2014 मेंसपामुखियामुलायमसिंहयादवनेबुलंदशहरमेंएकचुनावीरैलीकीदौरानधमकीभरेअंदाजमेंकहाथाकिउनकीसरकारने 1लाख 72हजारशिक्षामित्रोंकोनियमितकरनेकीप्रक्रियाशुरूकीहै।अगरउन्हेंवोटनहींदिएतोयहप्रक्रियारोकदीजाएगी।कांग्रेसअध्यक्षसोनियागांधीनेमौलानाबुखारीसेमुलाकातकरमुसलमानवोटोंकोबंटनेसेरोकनेकीअपीलकीथी।साम्प्रदायिकआधारपरभाजपाकेखिलाफमुसलमानवोटोंकीलामबंदीकेलिएउनकायहप्रयासचुनावआचारसंहिताकाखुलाउल्लंघनथा।इसीतरहभाजपाकेतत्कालीनप्रधानमंत्रीपदकेउम्मीदवारनरेंद्रमोदीनेआठवेंचरणकीवोटिंगकेदौरानगांधीनगरमेंअपनावोटडालनेकेबादपत्रकारोंसेबातचीतकीजिसकाकईन्यूजचैनलोंनेसीधाप्रसारणभीकिया।इसदौरानवेलगातारभाजपाकाचुनावचिन्हकमलअपनेहाथमेंलेकरदिखातेरहे।यहजनप्रतिनिधित्वकानूनकीधारा 126(1) काउल्लंघनथा।लेकिनऐसेतमाममामलोंमेंआयोगकीतरफसेकोईकठोरकार्रवाईनहींकीगई।निर्वाचनआयोगकेलचररवैयेकेकारणममताबनर्जीजैसेनेताओंकेहौंसलेइतनेबुलंदहोचुकेहैंकिवेउसकेनोटिसकेजवाबमेंचुनावपरिणामआनेकेबादबदलालेनेतककीधमकीदेनेलगेहैं।
कुछदिनोंपहलेएकवामपंथीमित्रसेचर्चाकेदौरानमैंनेकहाथाकिफिलहालइसदेशमें सशस्त्र क्रांतिकीकोईसंभावनानहींहैक्योंकियहांकीजनताकोविश्वासहैकिअगरउन्होंनेएकबारगलतसरकारकाचुनावकरभीलियातोपांचसालबादहोनेवालेस्वतंत्रऔरनिष्पक्षचुनावमेंउन्हेंअपनीभूलसुधारकामौकादोबारामिलेगा।अभीतकजिसतरहसेयहांशांतिपूर्णतरीकेसेसत्ताकाहस्तांतरणहोतारहाहैवहीइसदेशकेलोकतंत्रकीसबसेबड़ीताकतहै।लोगोंकोभरोसाहैकिअगरकोईसंविधानऔरकानूनकाउल्लंघनकरेगातोउसकोसजादेनेकेलिएनिष्पक्षन्यायालयमौजूदहैं।लेकिनअगरराजनेताइनसंवैधानिकनिकायोंकीप्रतिष्ठाकोगिराएंगेतोदेशकीलोकतांत्रिकव्यवस्थाकोज्यादासमयतककायमरखपानासंभवनहींहोगा।चुनावआयोगपरभाजपा, कांग्रेसऔरमाकपाकेइशारेपरकामकरनेकाआरोपलगानेवालीममताबनर्जीकोध्यानरखनाचाहिएकिअगरचुनावआयोगसत्ताकेप्रभावमेंहीकामकररहाहोतातोबंगालमेंवामपंथीसरकारकोउखाड़करउनकीसरकारनहींबनीहोती।संवैधानिकसंस्थाओंकीगरिमाकीरक्षाकरनासत्तामेंबैठेलोगोंकापहलादायित्वहै।इसकेअलावाचुनावआयोगकोभीइसतरहकेप्रयासोंपरसख्तीसेलगामलगानीहोगी।देशमेंलोकतंत्रकीरक्षाकेलिएलोगोंमेंस्वतंत्रऔरनिष्पक्षचुनावमेंविश्वासबनाएरखनाअत्यंतआवश्यकहै।
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