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आज की नारी…….

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lady

आज की नारी को सही मायने में आधुनिका कहा जा सकता है, क्योंकि उसने अपनी सभी दुर्बलताओं को दूर करके, नजरंदाज करके, अपने आप को मजबूत करने की पुरजोर कोशिश की है, और इसमें वो पूरी तरह से कामयाब भी हुई है, उसने अपनी एक विशेष पहचान समाज के सामने पेश की है, जिसमें वह साहसी, परिपक्व, सहिष्णु तथा एक मज़बूत इरादे वाली महिला के रूप में उभर कर समाज में पेश हुई है, आज की नारी को अगर ‘सुपर वुमन’ भी कहा जाये तो गलत नहीं होगा, क्योंकि आज समाज का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं जिसमें प्रतिस्पर्धा न हो, लेकिन इसका दबदबा देखने लायक है, समाज के लगभग हर क्षेत्र में ये पुरुषों से कहीं बढकर चुनोतियाँ पेश कर रही है….
देखें कैसे…..
आज की नारी अपने दोहरे रूप को भी पूर्ण सफलता के साथ निभा रही है.एक तरफ कैरिअर वुमन का ख़िताब हासिल किये हुए है, तो दूसरी तरफ, होममेकर का ख़िताब तो इसकी झोली में है ही.
आज की नारी ने अपनी संकीर्ण विचारधारा को त्याग कर अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा कर लिया है. वह पति के ऑफिस की समस्याओं को न केवल भली प्रकार समझती है. बल्कि उस समस्या को दूर करने में पति का हर संभव साथ भी देती है.
आज की नारी ने अपने, शारीरिक गठन और बनाव-सिंगार पर समुचित ध्यान दिया है, ताकि वो ताउम्र स्वस्थ और सुंदर रहने के साथ-साथ अपने पिया की भी प्रिया बनी रहे. और दूसरी तरफ पति भी अपनी आधुनिका पत्नी के सुंदर, सुघड़, पढ़ी-लिखी, व्यवहारकुशल और स्वाभिमानी स्वरूप का आदर करने लगे हैं.
आज की नारी यह भली प्रकार जानती है कि आज के प्रगतिशील पति को केवल खाना बनाने वाली, पैर छूने वाली, घूँघट में छुपी हुई पत्नी की नहीं, अपितु उच्च मानसिकता, बौद्धिक तथा सामाजिक स्तर वाली पत्नी की आवश्कयता है.
आज की नारी ने न केवल एक खुशनुमा और समझदार पत्नी का तमगा हासिल कर लिया है, बल्कि वह दाम्पत्य को अपने प्यार के बल पर मजबूत करने का प्रयास करती है, और काफी हद तक इसमें सफल भी हुई है.
आज की नारी में, उसके व्यवहार, बोलचाल, में आश्चर्यजनक परिवर्तन आये हैं. उसकी उपलब्धियां भी बड़ीं हैं, नए-नए विषयों को जानने का उत्साह भी बढ़ा है. अब वह किसी भी समसामयिक विषय पर अपने पति के साथ-साथ किसी बाहरी व्यक्ति के साथ भी सफलतापूर्वक सलाह-मशवरा कर सकती है, इस से न केवल पति बल्कि और लोगों की नज़रों में भी इनका मान कई गुना बढ़ गया है. (इस मंच को ही देख लीजिये, कितना उत्साह है, महिला ब्लोगर्स में, दिन दुगुनी और रात चौगुनी रफ़्तार से आगे बढ़ रही हैं.)
आज की नारी, ऐसे पति को तो पसंद करती है, जो संवेदनशील हो, लेकिन जो हमेशा मुंह लटका कर रखते हों या अति भावुक हों, वो इसे पसंद नहीं आते, भावुकता और प्यार के अंतर को भली प्रकार समझ लिया है, इसने, अब कोई भी पुरुष प्यार के नाम पर इसे मूर्ख नहीं बना सकता.
आज की नारी, अपने विचार, अपनी समस्याएं, अपने राज़ पहले की तरह किसी के सामने बखान नहीं करती. वह इस बात को भली भांति जानती है, कि जो पति-पत्नी एक-दुसरे को, अच्छा, विश्वसनीये, प्यार करने वाला, एक-दुसरे के प्रति सम्मान की भावना तथा एक-दुसरे के प्रति एक सोफ्ट-कॉर्नर रखते हैं, वही सफल दाम्पत्य को निभा पाते हैं.
आज की नारी ने अपने व्यक्तित्व को उच्च शिक्षा, फैशन, सौन्दर्य प्रसाधनों और योग आदि की सहायता से काफी प्रभावी बना लिया है, यहाँ कहने में कोई गुरेज़ नहीं कि एक ‘स्पेशल वुमन’ की छवि को हासिल कर चुकी है आज की नारी.
आज की कामकाजी नारी, को उसका बॉस आर्थिक उदारता, अथवा आर्थिक चकाचौंध का लालच दिखा कर जरा भी असंयत तथा असंतुलित नहीं कर सकता.
आज की नारी, जीवन के प्रति एक सकारात्मक रवैया अपना कर अपने और परिवार के जीवन को अधिक खुशहाल बना रही है. आज की नारी को अपनी सफलता का श्रेय लेना भली प्रकार आता है. आज की नारी अपनी पुरानी ‘अबला’ की छवि से निकल कर एक ‘सबला’ के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो चुकी है. प्रगति का ऐसा कोई ही शिखर बचा होगा, जहाँ आज की नारी न पहुंची हो.
इसलिए, आइये, हम इसका नमन करें……..
और जरा सोचें……….

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