रिमझिम फुहार
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तुम संदल वन तुम सघन चांदनी
तुम मन आंगन की राग रागनी
तुम प्रेम दिवाकर स्वर्णिम रश्मि
तुम प्रेम दीप तुम पुलकित अग्नि
तुम प्रकाश तुम आकाश
ऋतू बसंत का तुम प्रवास
तुम बंधन तुम ही सन्यास
प्रेम का सुन्दर सहज निवास
तुम जटिल भी हो
तुम सरल भी हो
तुम जीवन अमृत
तुम प्रेम गरल भी हो
तुम सांस हो
तुम आवाज हो
पंख भी तुम मेरे
तुम ही परवाज हो
तुम ही वियोग तुम आस हों
दूर तुम और तुम पास हो
तुम प्रेम शर तुम संधान हो
कठिन तुम और तुम आसान हो
विनय सक्सेना
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