रिमझिम फुहार
- 27 Posts
- 59 Comments
एक पुराना नाम है निकला
घर से कुछ सामान है निकला
अहद पुराना इक बात पुरानी
दो आँखों कि एक कहानी
कागज में लिपटे आंसू सा
दिल का एक अरमान है निकला
एक पुराना नाम है निकला
कुछ धङकन कुछ साँसे है
जीने मरने कि बाते है
खत पुराने पल अनजाने
प्यार में पागल दो दीवाने
दीवानों के दर्द में डूबा
गज़ल का एक दीवान है निकला
घर से कुछ सामान है निकला
वो मुझमे पूरा डूब गयी थी
इश्क में वो क्या खूब गयी थी
साहिल हमको देख रहा था
लेकिन मै भी डूब रहा था
दरिया में भी डूब के वो
लम्हा इक अहसान सा निकला
एक पुराना नाम है निकला
आज खड़े हम निपट अकेले
खुद को आज समेटे से
मन की ज्वाला धधक रही है
और जीते है हम प्यासे से
कुछ छीटों की ख्वाहिस में
ज़हर का इक जाम है निकला
घर से कुछ सामान है निकला
…विनय सक्सेना
Read Comments