रिमझिम फुहार
- 27 Posts
- 59 Comments
तुम कितनी खूबसूरत हों
कभी मेरी आँखों से पूछो
पूछना कभी आइने से भी
अगर वो भी तुम्हे मिरी तरह चाहता हों
तेरे सुर्खरू रुखसारों पे
हँसते लबो के किनारों पे
अपनी पलकों के सहारे टिके
उन लम्हों से पूछो जो
तुम्हे मेरी तरह चाहते हैं
पूछो हवा के आँचल से
जो तुम्हे छु के अभी अभी गुजरा है
और चाहे पूछ लो बादल से
जो अभी अभी तुझे देख के भीगा है
और घूमता है गगन में बाँवरा सा
और तुम खुद भी जानती हों
और क्यू मै झूठ बोलू भी
तुमने मेरा दिल अख्तियार किया है
क्यू कि मिरी नजरो में
तुम कितनी खूबसूरत हों
कभी मेरी आँखों से पूछो
और हाँ
पूछना कभी अपने दिल से भी
क्या वो भी तुझे मेरी नजरो से देखता है
…विनय सक्सेना
कानपुर
Read Comments