BEBASI
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गुरुपूर्णिमा का ये ज्ञान,
ऐ मानव जान,
जिसने तुझे पाला- पोषा,
जिसने तुझे आज जैसा बनाया,
वही है तेरा सब कुछ,
वही है जग में सबसे महान,
अज्ञानी बन कर मान,
न मने तो ये तेरा कैसा ज्ञान,
मत मूर्ख बनो,
माता-पिता को पहचान,
यही है सब देवो के देव,
यही है ममता के भण्डार,
अपने मय और अभिमान
त्याग और उन्हें पहचान !
यही है सच्चे भगवान् !
माँ- बाप के ही कर्म-ताप से,
जहा में उचाई को पाता है,
ऐ नादाँ उन्हें ही भुलाता है !
उन्हें ही रुलाता है,
सोच भला कैसे तुझे चैन आता है !
मान या न मान,
लेकिन बन जा इंसान !
एक दिन तुझको भी तो
बनाना है किसी लाडले का भगवान् !!
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