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लाल चौक में पाक का झंडा फहरेगा?

BEBASI
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क्या देश के किसी कोने में तिरंगा फहराने में भी अपराध का बोध है? भारत के किसी भी कोने में तिरंगा फहराने में किसी की अनुमति की आवश्यकता है. यदि नहीं तो फिर कश्मीर हमारे देश का अभिन्न अंग है और वहां पर भी तिरंगा फहराया जा सकता है. इससे देश की ही गरिमा में ब्रधि होगी. मै तो कहता हूँ ऐसा अवश्य ही किया जाना चाहिए और मै भाजपा के सहस की डैड देता हूँ, जो भारत के सभी राज्यों की भांति कश्मीर के लाल चौक में तिरंगा को फहराने की पहल कर रहा है. होना भी चाहिए. कांग्रेस तो पहले ही कश्मीर को विवादित कर चूका है और भी विवाद गहराने की कोशिश कर रही है. इसकी तो सरे देश में बड़ाई ही की जनि चाहिए न की विरोध.

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला में लाल चौक में भाजपा के तिरंगा फहराने को शांति में बाधा बताया है. तो फिर इसी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को ही लाल चौक में तिरंगा फहराने की बात कहना चाहिए न की तिरंगे की शान को किसी पार्टी से जोड़ कर देखना चाहिए. भाई इस देश के लिए हर किसी ने कुछ न कुछ किया है. वह कम अगर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला या कांग्रेस कर देती तो भाजपा को लाल चौक में झंडा फहराने की कोई भी आवश्यकता ही नहीं थी. तो उम्र में यह ताकत ही नहीं है. कांग्रेस पहले ही इतना बुरा कश्मीर के प्रति कर चुकी है की अब संभावना ही नहीं बची है. ऐसा लगता है जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पाक की दुभावानाओ से ग्रसित और आतंकियों से भी प्रेरित है. जब भी एकीकरण की बात चलती है तो इस मुख्यमंत्री को बुरी लगाती है.

अब तो कुछ सवाल उठ रहे है जिनके सवालों का समाधान भी जरूरी है, कृपया सुझाव जरूर समझाएं—-
१- तो जिस प्रकार से एक मुख्यमंत्री परोक्ष रूप से तिरंगे का विरोध कर रहा है क्या वह वैधानिक है?
२- देश का कश्मीर अभिन्न अंग नहीं है? यदि है तो फिर तिरंगे का कैसा विरोध?
३- क्या तिरंगे से देश के किसी हिस्सें यानि प्रान्तों में अशांति फैली या आतंक फैला है? यदि नहीं तो कश्मीर में
कैसे फैलेगा?
४- जो सरकार या पार्टी देश में तिरंगे की रक्षा यानि उसके फहराने में दिलचस्पी नहीं लेती तो फिर सत्ता में कैसे
है?
५- जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला या उसकी सरकार पाक से समर्थित है या डरती है या इस देश से
अलग है, जो लाल चौक में झंडा नहीं फहरा सकती?
६- राष्ट्रया एकता में बांधने में भाजपा के तिरंगे के झंडा रोहण प्रयाश ठीक नहीं है?
७- अब फालतू का विवाद न बना कर राष्ट्रीय सम्पतियों का तहस- नहस करवाना देश की आर्थिक नुकसान है,
कश्मीर को अपना मान कर बड़ी ही शक्ति से एकीकरण आवश्यक हो गया है, जो शायद कांग्रेस व उसके घटक
पार्टी सज\क्षम नहीं है, ऐसी स्थित में भाजपा का कदम केवल राजनितिक मान लिया जाये या देश प्रेम से जोड़
कर देखा जाये?

जहाँ यह बात आई थी तो जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को स्वयं ही कहना चाहिए था “यह काम भाजपा को करने की जरूरत नहीं बल्कि वह स्वयं करेंगे तो कुछ अलग ही बात होती. अगर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ऐसा नहीं कर सकता तो उसे तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए था.

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