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आज बहुत सर्दी हॆ

दोस्ती(Dosti)
दोस्ती(Dosti)
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आज बहुत सर्दी हॆ
पक्षियों का चहचहाना,
फूलों का मुस्कराना,
ऒर-कोयल की कूक से,
मंत्र-मुग्ध हो जाना,
खत्म हो गया हॆ.

आज बहुत सर्दी हॆ
रामलाल-
सेठ के यहां,
मजदूरी कम मिलने पर,
नहीं चिल्लायेगा,
चुपचाप आ जायेगा.

आज बहुत सर्दी हॆ
शरीर का हर अंग
शून्य हो गया हॆ,
तभी तो-
किसी अंग के
काट दिये जाने पर भी
दर्द नहीं होता.

आज बहुत सर्दी हॆ
सब-कुछ बर्फ हो गया हॆ,
रक्त जम गया हॆ,
तभी तो-
किसी कली को कुचला देख,
हमारा खून नहीं खोलता.
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