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जब साधना की आंखें डबडबा आईं

Delhi News
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लव इन शिमला, मेरे महबूब, हम दोनों, मेरा साया, वो कौन थी और आरजू जैसी सफल फिल्मों की हीरोइन साधना की याद उन दर्शकों को आज भी है। साधना की लोकप्रियता की वजह उनकी हेयर स्टाइल थी, जो कॉलेज की छात्राओं में साधना स्टाइल के नाम से खूब लोकप्रिय हुई थी। साधना का पूरा नाम साधना शिवदासानी था। इस नाम से उन्हाेंने अपनी पहली फिल्म अबाना की थी, जो सिंधी भाषा में बनी थी। इसके बाद बिमल राय की परख भी की थी, जिसमें उनका साधना स्टाइल दिखाई नहीं दिया था, लेकिन बाद के दिनाें में अन्य सभी फिल्मों में वह साधना के नाम से ही आईं।

साधना की केश सज्जा में ही सारा सौंदर्य झलकता था। साधना की आंखें बेहद खूबसूरत थीं। साधना कट के रूप में फेमस हुआ उनका हेयर स्टाइल उन्हें उभारने में सहायक साबित हुआ। अभिनेत्री साधना एक ऐसी अदाकारा रही हैं, जिन्हाेंने चार फिल्में वो कौन थी (1964), मेरा साया (1966), गीता मेरा नाम (1974) और महफिल (1978) में डबल रोल किए।

साधना के फिल्मी करियर की शुरुआत कुछ यूं हुई कि जब साधना स्कूल की छात्रा थीं और नृत्य सीखने के लिए एक डांस स्कूल में जाती थीं तो एक दिन एक नृत्य-निर्देशक उस डांस स्कूल में आए। उन्हाेंने बताया कि राजकपूर को अपनी फिल्म के एक ग्रु्प-डांस के लिए कुछ ऐसी छात्राएं चाहिए, जो फिल्म के गु्रप डांस में काम कर सकें। साधना की डांस टीचर ने कुछ लड़कियां से नृत्य कराया और जिन लड़कियां को चुना गया, उनमें साधना भी थीं। वह बहुत खुश थीं। उन्हें फिल्म में काम करने का मौका मिल रहा था।

राज कपूर की वह फिल्म थी श्री 420। डांस सीन की शूटिंग से पहले रिहर्सल हुई। वह गाना था ‘‘रमैया वस्ता वइया’’। शूटिंग शुरू हुई। साधना मेकअप कराकर शूटिंग में रोज शामिल होतीं। नृत्य-निर्देशक जब जैसा कहते साधना वैसा ही करतीं। शूटिंग कई दिनां तक चली। लंच-चाय तो मिलते ही थे, साथ ही चलते समय नगद मेहनताना भी मिलता था। एक दिन साधना ने देखा कि श्री 420 के शहर में बड़े-बड़े बैनर लगे हैं। श्री 420 रिलीज हो रही है। जाहिर था कि एक्स्ट्रा कलाकार और कोरस डांसर्स को कोई प्रोड्यूसर प्रीमियर पर नहीं बुलाता, इसलिए साधना ने खुद टिकटें खरीदीं। सिर्फ अपनी ही नहीं, अपनी कुछ सहेलियां के लिए भी।

दरअसल, साधना यह चाहती थीं कि वह पर्दे पर डांस करती हुई कैसी लगती हैं, उनकी सहेलियां भी देखें। सहेलियां के साथ साधना सिनेमा हॉल पहुंचीं। फिल्म शुरू हुई। जैसे ही गीत ‘‘रमैया वस्तावइया’’ शुरू हुआ, तो साधना ने फुसफुसाते हुए सहेलियां से कहा, इस गीत को गौर से देखना। मैंने इसी में काम किया है। सभी सहेलियां आंखें गड़ाकर फिल्म देखने लगीं। साधना अब दिखे, अब दिखे, लेकिन गाना खत्म हो गया, वह नहीं दिखीं। तभी सहेलियां ने पूछा, अरे तू तो कहीं भी नजर ही नहीं आई! साधना की आंखें उनकी बात सुनकर डबडबा गईं। उन्हें क्या पता था कि फिल्म के संपादन में राजकपूर उसके चेहरे को काट देंगे! यह संयोग देखिए कि जिस राजकपूर ने साधना को उनकी पहली फिल्म में आंसू दिए, उन्हाेंने आठ साल बाद उनके साथ दूल्हा दुल्हन में हीरो का रोल निभाया।

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