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देश,दिशा और दृष्टि ।

Khula Khel Farrukkhabadi
Khula Khel Farrukkhabadi
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पिछले कुछ महीनों ,वल्कि कहिए वर्षों में या फिर कहिए कि जब से यू० पी० ए० -२ सत्ता में आया है,पता नहीं देश के ग्रहों में कैसा परिवर्तन हो गया है ।समझ में नहीं आता है कि राजनीतिक दल विचार और व्यवहार का कौन सा नमूना पेेश करना चाहते है-जो किसी भी सामान्य वुद्धि वाले व्यक्ति की समझ में नहीं आ रहा है ।कभी ऐसा लगता है कि कांग्रेस वालों की वुद्धि खराब हो गयी है,लेकिन यह सोच विश्वास में बदले ,इसके पहले इस दौड़ में भाजपा वाले भी दिखायी पड़नें लगते हैं ।छोटी पार्टियों – जैसे बसपा,सपा इत्यादि के बारे में ऐसी चर्चा करने में भी लोग अपना समय जाया करना मानते हैं ।यहाँ प्रश्न उठता है कि क्या आम आदमी या फिर प्रबुद्ध व्यक्ति राजनीतिक,सामाजिक, आर्थिक या फिर नैतिकता पर सोचे या सोचना बन्द कर दें ।निश्चित ही राजनीतिक लोग नहीं चाहते कि इस पर सोचा जाय क्योंकि सोचने और सही ढ़ग से सोचने का ठीका उन्होने जो ले लिया है ।राजनीतिक लोग तो यह कहते है कि जो चुनाव लड़ कर जीत नहीं सकता,वह सही ढ़ग से सोच भी नहीं सकता ।ऐसा लगता है कि बिना भ्रष्टाचारी औरअपराधी के सहयोग के बिना राजनीति शायद संभव ही नही है ।शायद है भी नहीं ,अन्यथा हर राजनीतिक दल समान रूप से अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को समान रूप से आदर न देती ।अतः प्रश्न यह है कि कैसे बिना भ्रष्टाचार और अपराध के समाज का निर्माण किया जाय ।मुझे ऐसा लगता है कि हम सभी समाज के लोग यह कार्य केवल राजनीतिकों पर छोड कर बड़ी भूल करते हैं ।राजनीतिकों का कार्य केवल क़ानून बनाना और क़ानून का शासन देना है ।निश्चित रूप से वे अपना कार्य अपेक्षानुरूप नहीं कर रहें है,लेकिन क्या समाज के अराजनीतिक लोग,जिसमें केवल ग्रामीण किसान औरमज़दूर ही नहीं आते बल्कि शिक्षक-वर्ग, सरकारी-तन्त्र,व्यापारी-वर्ग और वौद्धिक-वर्ग भी आता है, अपना पार्ट निभा रहा है,निश्चित रूप से नहीं ।मेरे विचार से जब तक यह बड़ा वर्ग समझदार,जागरूक और आगे नहीं आएगा,तब तक राजनीतिक लोग नहीं बदलेंगे ।वर्तमान समय एक उपयुक्त समय है । हम सभी को जाति, धर्म ,क्षेत्र तथा सम्प्रदाय को भूलकर न केवल एक सरल और समझदार व्यक्ति को चुनें बल्कि तन,मन व धन से उसका सहयोग भी करें,अन्यथा निवेश करने वाले तो नुक़सान वाला कार्य नहीं करेंगे ।निर्णय करने में यदि देर की जाएगी तो शायद पछताने के लिए भी समय नहीं मिलेगा । विश्लेषक ।

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